सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की ओर से टहला में करीब 26 करोड़ रुपए की लागत से देवनारायण बालिका आवासीय छात्रावास का निर्माण करवाया गया है। इस छात्रावास में 280 बालिकाओं के रहने व पढऩे की सुविधा रहेगी। छात्रावास बनाने में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन यहां न तो ङ्क्षप्रसिपल है और न ही वार्डन।
समाज कल्याण विभाग के छात्रावासों का नहीं कोई धणी-धोरी
अलवर. सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की ओर से टहला में करीब 26 करोड़ रुपए की लागत से देवनारायण बालिका आवासीय छात्रावास का निर्माण करवाया गया है। इस छात्रावास में 280 बालिकाओं के रहने व पढऩे की सुविधा रहेगी। छात्रावास बनाने में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन यहां न तो ङ्क्षप्रसिपल है और न ही वार्डन। इसके चलते अभी तक यहां प्रवेश ही मात्र 15 के लगभग हो पाए हैं। ङ्क्षप्रसिपल का पद फिलहाल विभाग के सहायक निदेशक संभाल रहे हैं और वार्डन का पद अभी खाली है।
वार्डन के आधे से ज्यादा पद खाली
गौरतलब है कि सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की ओर से जिले में करीब 26 बालक बालिका छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं। इसमें मात्र 14 छात्रावास में ही वार्डन है शेष पद खाली पडे हुए हैं। ऐसे में एक वार्डन के पास दो से तीन छात्रावास का कार्यभार है। इसके चलते छात्रावासों की मॉनिटङ्क्षरग करना मुश्किल हो रहा है।
पुराने जिले के अनुसार चल रही व्यवस्था
पूर्व सरकार ने नए जिलों का गठन किया था। इसके बाद सभी जिलों में वार्डन के पद भी उसी के अनुसार भरे जा रहे हैं। लेकिन अलवर में ऐसा नहीं हो रहा है। खैरथल तिजारा व बहरोड़ कोटकासिम नए जिले बनने के बाद वहां नए वार्डन रखे जाने चाहिए थे, लेकिन इसके बावजूद अलवर के वार्डन ही वहां के छात्रावासों में काम कर रहे हैं। इससे विभाग के साथ साथ हॉस्टल की व्यवस्थाएं गड़बडा़ रही है।
यहां खाली हैं वार्डन के पद
राजगढ़ में वार्डन के दो पद खाली हैं। लक्ष्मणगढ़, गढ़ीसवाईराम, अलवर एसटी छात्रावास नजर बगीची, मिरासी छात्रावास, अंबेडकर नगर बालिका छात्रावास सहित अन्य छात्रावासों में वार्डन के पद खाली ही पड़े हुए हैं।
30 सितंबर तक मिलेगा छात्रावास में प्रवेश
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उप निदेशक अनिल मच्या ने बताया कि विभाग के नियंत्राणाधीन राईस की ओर से जिले में संचालित राजकीय देवनारायण बालिका आवासीय विद्यालय टहला (राजगढ) में कक्षा 6 से 12 तक में छात्राओं के प्रवेश के लिए आवेदन 30 सितम्बर 2024 तक किए जा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए टहला स्थित आवासीय विद्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।