माजरीकलां में गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर माजरी धाम के महंत सुमित गिरी ने मंगलवार तड़के सुबह 4 बजे से सात दिवसीय जलधारा तपस्या का विधिवत शुभारंभ किया।
माजरीकलां में गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर माजरी धाम के महंत सुमित गिरी ने मंगलवार तड़के सुबह 4 बजे से सात दिवसीय जलधारा तपस्या का विधिवत शुभारंभ किया। यह तपस्या माजरीकलां धाम में कड़ाके की ठंड के बीच प्रारंभ हुई, जिसमें महंत ने अदम्य आस्था और संकल्प का परिचय दिया।
तपस्या के पहले दिन महंत सुमित गिरी महाराज ने 101 पानी से भरे मटकों से स्नान कर विशेष साधना की। ठंड के बावजूद इस अनोखी तपस्या को देखने और आशीर्वाद लेने के लिए सुबह से ही धाम परिसर में श्रद्धालुओं और आसपास के ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने महाराज के संकल्प की सराहना करते हुए तपस्या की सफलता के लिए प्रार्थना की।
महंत सुमित गिरी ने बताया कि गोमाता भारतीय संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली का अभिन्न अंग रही है। गौमाता के संरक्षण, संवर्धन और सम्मान के उद्देश्य से यह तपस्या जन-जागरण का माध्यम है, ताकि समाज और सरकार का ध्यान इस विषय की ओर आकर्षित किया जा सके।
तपस्या के दौरान धाम परिसर में सुरक्षा एवं व्यवस्थाओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। सात दिवसीय आयोजन के अंतर्गत प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन तथा गोमाता के महत्व पर विचार गोष्ठियों का आयोजन भी किया जाएगा। आयोजन को लेकर पूरे क्षेत्र में धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण बना हुआ है।