अलवर नगर निगम की ओर से दो जेसीबी की खरीद में घोटाले का खुलासा होते ही हड़कंप मच गया है। राजस्थान पत्रिका की खबर पर जिला कलेक्टर एवं नगर निगम की प्रशासन आर्तिका शुक्ला ने नगर निगम आयुक्त जितेंद्र नरूका से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है। साथ ही भुगतान पर रोक लगा दी है।
अलवर नगर निगम की ओर से दो जेसीबी की खरीद में घोटाले का खुलासा होते ही हड़कंप मच गया है। राजस्थान पत्रिका की खबर पर जिला कलेक्टर एवं नगर निगम की प्रशासन आर्तिका शुक्ला ने नगर निगम आयुक्त जितेंद्र नरूका से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है। साथ ही भुगतान पर रोक लगा दी है।
जांच का जिम्मा परिवहन विभाग को सौंपा गया है। वहीं, निवर्तमान पार्षदों ने एसीबी में केस दायर कर दिया है। उल्लेखनीय है कि अलवर नगर निगम ने अप्रैल में दो जेसीबी एक नामचीन कंपनी से खरीदी हैं, जिसके लिए 70 लाख का भुगतान होना है। यानी एक जेसीबी करीब 35 लाख रुपए की खरीदी है, जबकि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद नगर निगम ने इसी जेसीबी की खरीद के लिए करीब 28 लाख रुपए का भुगतान किया है।
भाजपा के निवर्तमान पार्षद अजय पूनिया ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि गाजियाबाद नगर निगम ने जिस जेसीबी की खरीद 28.75 लाख में की, वैसी ही जेसीबी उसकी कंपनी से अलवर नगर निगम ने 35.18 लाख में खरीदी। खरीद प्रक्रिया में जानबूझकर सरकारी धन का दुरुपयोग और कमीशनखोरी की गई है। यह केवल वित्तीय असमानता नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है।
उधर, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स पर लिखा है कि जेसीबी की खरीद में भ्रष्टाचार हुआ है। जनता की गाढ़ी कमाई पानी में बहाई जा रही है। पूरे प्रदेश का यही हाल है।
नगर निगम से पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट मंगवाई गई है। इसका भुगतान नहीं किया गया है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।- आर्तिका शुक्ला, जिला कलेक्टर