सरिस्का के क्रिटिकल टाइगर हैबीटेट (सीटीएच) से एक से 10 किमी के दायरे में बंद खानों के फिलहाल खुलने की संभावना नहीं है।
सरिस्का के क्रिटिकल टाइगर हैबीटेट (सीटीएच) से एक से 10 किमी के दायरे में बंद खानों के फिलहाल खुलने की संभावना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में रणथंभौर टाइगर रिजर्व मामले की हुई सुनवाई के बाद कोर्ट का रुख सख्त है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि टाइगर की कीमत से समझौता नहीं किया जा सकता है। कोर्ट के सख्त रुख के चलते बुधवार को चार खान संचालकों के एडवोकेट ने कोर्ट में बहस नहीं की।
डिस्ट्रिक्ट एंपावर्ड कमेटी ने इन खान संचालकों को एनवायरमेंट क्लीयरेंस दी थी, लेकिन एनजीटी ने 8 अगस्त 2024 को आदेश जारी कर दिए कि यह कमेटी तकनीकी रूप से मजबूत नहीं है। ऐसे में खानों का संचालन करने के लिए सिया यानी स्टेट एंपावर्ड कमेटी से अनुमति लेनी होगी। सिया ने साफ कर दिया कि एक से 10 किमी के दायरे में खानों का संचालन तभी हो सकता है, जब राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से एनओसी ली जाएगी।
यह कार्य 6 माह में पूरा करना है, जिसकी मियाद 26 सितंबर तक है। ऐसे में सिया व एनजीटी के आदेश को चुनौती देने के लिए खान संचालक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। कोर्ट में कई सुनवाई इस प्रकरण में हुई, लेकिन अब तक निर्णय नहीं आया। बुधवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट के रुख को भांपते हुए संबंधित वकील बहस में शामिल नहीं हुए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 15 मई 2024 को उन खानों को बंद कर दिया गया था, जो सीटीएच से एक किमी के दायरे में थीं। इस दायरे में 99 खानें आईं, जो बंद हैं। नए सीटीएच ड्राट के मुताबिक इन खानों के खुलने का रास्ता साफ हुआ था, लेकिन कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कह दिया है कि वह अपने पूर्व के आदेश में कोई बदलाव नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने रणथंभौर के सेंचुरी एरिया में होटल व अन्य कमर्शियल प्रतिष्ठान बनाने पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में सरिस्का बफर एरिया सिलीसेढ़ में भी होटल व रिसॉर्ट बने हुए हैं। इन पर भी सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से नहीं की गई। टहला में सीटीएच से एक किमी के दायरे में करीब 34 होटल आए हैं। अजबगढ़ एरिया में भी 20 होटल हैं, जिन पर कार्रवाई होना बाकी है। कोर्ट के रुख के मुताबिक सरकार को इन पर भी कार्रवाई करनी होगी।