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Alwar News: नकली सोने के गहनों पर गोल्ड लोन में 98 लाख का फर्जीवाड़ा उजागर 

अलवर के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक निजी फाइनेंस कंपनी की गोल्ड लोन शाखा में सोने के आभूषणों की अदला-बदली कर 98 लाख 6 हजार 240 रुपए की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है।

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अलवर के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक निजी फाइनेंस कंपनी की गोल्ड लोन शाखा में सोने के आभूषणों की अदला-बदली कर 98 लाख 6 हजार 240 रुपए की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। मामले में कंपनी के सीनियर मैनेजर जीएल आरसीयू विपिन गौड़ ने पुलिस को शिकायत दी है। जिसमें शाखा के सीनियर रिलेशनशिप मैनेजर देवप्रताप सिंह चौहान व अभिषेक गुप्ता, रिलेशनशिप मैनेजर योगिता जांगिड़ और सीनियर रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव सुरेन्द्र कुमार गोयल पर आपराधिक षड्यंत्र रचकर नकली आभूषणों पर लोन स्वीकृत करने, असली गहनों की चोरी और ऑडिट में गुमराह करने का आरोप लगाया है।

ऐसे खुला फर्जीवाड़ा

पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी की ऑडिट टीम मनोज कुमार गुर्जर, अरविंद कविया और सीनियर ऑडिटर ने 28 अगस्त से 5 सितंबर, 2025 तक शाखा की जांच की। इस दौरान टीम को कई गोल्ड लोन पैकेट्स में असली आभूषणों की जगह नकली आभूषण मिले। पूछताछ में मुख्य आरोपी देवप्रताप सिंह चौहान ने स्वीकार किया कि उसने तिजोरी में पहले से रखे कई पैकेट्स से असली सोना निकालकर नकली आभूषण रख दिए थे। शाखा के सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन में भी कर्मचारी को तिजोरी से पैकेट निकालते, आभूषण बदलते और नए पैकेट बनाते हुए देखा गया।

बैंक खातों में संदिग्ध लेन-देन

आरोपी अभिषेक गुप्ता और योगिता जांगिड़ ने बताया कि देवप्रताप सिंह ने उन्हें लालच देकर फंसाया। उन्होंने कहा कि देवप्रताप के कोटक महिंद्रा बैंक खाते तथा अन्य खातों में भारी मात्रा में ग्राहकों और परिचितों के नाम से धनराशि का लेन-देन हुआ है। कंपनी के सीनियर मैनेजर जीएल आरसीयू गौड़ ने बताया कि कंपनी की ओर से समय दिए जाने पर आरोपियों ने आंशिक राशि लौटाई है। इसमें अभिषेक गुप्ता ने 35 लाख, सुरेन्द्र कुमार गोयल ने 20 लाख 88 हजार 362, योगिता जांगिड़ ने 4 लाख 96 हजार 999 और देवप्रताप सिंह ने 9 लाख 90 हजार रुपए लौटाए है। इसके बाद करीब 38 लाख रुपए अब भी बकाया है, जिसे जमा करने के लिए कहने पर देवप्रताप सिंह धमकी दी है।

रात में कार्यालय खोलकर ऑडिट से बचने का प्रयास

रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑडिट टीम के आने वाले दिन देव प्रताप ने दुर्घटना का बहाना बनाकर तिजोरी की चाबी उपलब्ध नहीं करवाई। उसी रात वह सहयोगियों के साथ कार्यालय खोलकर पैकेट अदला-बदली करता रहा, ताकि ऑडिट जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ में न आए। यह जानकारी कंपनी के रिकॉर्ड में दर्ज है।

मिलीभगत कर 19 लोन खातों में किया फर्जीवाड़ा

देवप्रताप सिंह, अभिषेक गुप्ता और योगिता जांगिड़ ने पूछताछ में माना कि उन्होंने आपसी मिलीभगत से 19 लोन खातों में नकली सोने पर ऋण स्वीकृत कराया। इसी सूची भी पुलिस को उपलब्ध कराई गई है। शिकायत के अनुसार कर्मचारियों ने अपने परिचितों के नाम से लोन स्वीकृत कराकर कंपनी को कुल 98 लाख 6 हजार 240 रुपए की हानि पहुंचाई।