राजगढ़ के टहला में सरकारी जमीन की बंदरबांट मामले में सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। जांच में 470 बीघा जमीन का आवंटन गलत मिलने पर पूर्व एसडीएम, पूर्व तहसीलदार समेत 17 कार्मिकों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।
राजगढ़ के टहला में सरकारी जमीन की बंदरबांट मामले में सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। जांच में 470 बीघा जमीन का आवंटन गलत मिलने पर पूर्व एसडीएम, पूर्व तहसीलदार समेत 17 कार्मिकों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने पूर्व एसडीएम, पूर्व तहसीलदार के खिलाफ चार्जशीट सरकार को भेज दी है। अब सरकार के स्तर से ही आगे की कार्रवाई होगी। बाकी कार्मिकों पर एक्शन जिला प्रशासन लेगा। जमीन की कीमत 1500 करोड़ रुपए के आसपास है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2021 में प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत टहला क्षेत्र में करीब 803 लोगों को 2500 बीघा सरकारी जमीन का आवंटन किया था। आरोप लगे कि जमीन रसूखदारों को आवंटित कर दी गई। दूसरे जिले के लोगों को भी यहां लाभ दिया गया। कई परिवारों के पास पहले से भूमि होने के बाद उन्हें दोबारा जमीन दी गई।
मामला खुला तो पूर्ववर्ती सरकार ने जांच बैठाई और अधिकांश जमीन के प्रकरण गलत मिले। सरकार ने एक झटके में ही यह आवंटन निरस्त कर दिए। 95 लोगों के नाम चढ़ी जमीन भी निरस्त कर दी गई। इस मामले में दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी थी, लेकिन नेताओं का प्रभाव होने के कारण अफसर बच निकले। बताया जा रहा है कि आवंटित जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए जल्दबाजी की गई।
टहला में जमीन की बंदरबांट का मामला राजस्थान पत्रिका ने उठाया तो पूर्ववर्ती सरकार ने जांच बैठाई। साथ ही चार राजस्व निरीक्षकों को निलंबित किया। संबंधित एसडीएम व तहसीलदार का तबादला हो गया। अब आगे की कार्रवाई भाजपा सरकार करने जा रही है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत वर्ष 2021 में रसूखदारों को जमीन आवंटन के लगे थे आरोप, कई अन्य जिलों के लोगों को पहुंचाया लाभ
टहला में जमीन आवंटन के मामले में करीब 17 लोगों दोषी हैं। पूर्व एसडीएम, पूर्व तहसीलदार पर सरकार के स्तर से कार्रवाई होगी। बाकी दोषी राजस्व निरीक्षक व पटवारियों पर कार्रवाई जिला प्रशासन करेगा। -मुकेश कायथवाल, एडीएम प्रथम
प्रदेश में सरकार बदली तो फिर मामला खुला। दबी फाइलें खोकर जांच फिर से शुरू हो गई। पूर्व जांच रिपोर्ट व अब तक मिले तथ्यों को आधार मानते हुए जिला प्रशासन ने संबंधित अधिकारी व कार्मिकों को चार्जशीट जारी कर दी। अब इन पर कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा गया है। अब कार्मिक बचने का रास्ता तलाश रहे हैं।