अलवर

सरिस्का टाइगर रिजर्व की ऐसे बची जमीन

– वर्ष 2022 में तीन गांवों के 23 लोगों को गलत तरीके से आवंटित कर दी गई थी जमीन – ढहलावास, रोगडा, सीराबास व रामनगर में स्थानीय अफसरों ने किया था खेल, जांच में हुआ खुलासा – राजस्थान पत्रिका ने उठाया मामला तो एडीएम प्रथम कोर्ट ने आवंटन किया निरस्त Alwar : सरिस्का टाइगर रिजर्व […]

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May 27, 2025
alwar ke sariska century ka board

- वर्ष 2022 में तीन गांवों के 23 लोगों को गलत तरीके से आवंटित कर दी गई थी जमीन

- ढहलावास, रोगडा, सीराबास व रामनगर में स्थानीय अफसरों ने किया था खेल, जांच में हुआ खुलासा

- राजस्थान पत्रिका ने उठाया मामला तो एडीएम प्रथम कोर्ट ने आवंटन किया निरस्त

Alwar : सरिस्का टाइगर रिजर्व के बफर जोन की 120 बीघा जमीन का आवंटन प्रशासन ने निरस्त कर दिया। जमीन लेने वाले 23 लोगों को झटका लगा है। साथ ही जमीन आवंटन के पीछे की पूरी मंशा भी सामने आ गई। पूर्व एसडीएम व संबंधित सरपंच के खिलाफ प्रशासन कोई निर्णय नहीं ले पाया। अब यह मामला फिर से लोकायुक्त में जाने की तैयारी में है ताकि इस फर्जीवाड़े की नींव रखने वाले भी सलाखों के पीछे हों।

इनकी जमीन अब जंगल के नाम

10 मार्च 2022 को उमरैण पंचायत समिति के सभागार में 8 लोगों के बीच ढहलावास के एक दर्जन से अधिक लोगों को जमीन आवंटित की गई। राजेंद्र पुत्र दयाराम गुर्जर, रतीराम पुत्र दयाराम गुर्जर, विजय कुमार पुत्र दयाराम गुर्जर, हरदयाल पुत्र लल्लू गुर्जर, रामलाल पुत्र नानगराम, चेतराम पुत्र नानगराम, प्रभाती पुत्र नानगराम आदि को यह जमीन दी गई। जमीन की किस्म गैर मुमकिन पहाड़ थी। इसी तरह अलवर तहसील के रोगड़ा निवासी हरज्ञानी पुत्र कर्ण सिंह, प्रकाश पुत्र कर्ण सिंह गुर्जर, लेखराम पुत्र सुरजाराम, रामशरण, सीराबास निवासी बाबूलाल पुत्र श्योराम, रामनगर के शीशराम पुत्र हरिराम आदि को भी जमीन आवंटित की गई थी। ढहलाबास के उदयभान शर्मा के आरोप के बाद जांच बैठा दी गई। पूर्व एडीएम द्वितीय परसराम मीणा की जांच में पूर्व तहसीलदार कमल पचौरी, गिरदावर हल्का अरविंद दीक्षित व पटवारी जितेंद्र छावल दोषी मिले।

राजस्थान पत्रिका के कारण सरिस्का को मिली जमीन

पूर्व एसडीएम प्यारेलाल सोठवाल को जांच में बचा दिया गया। नेताओं के दबाव के कारण यह मामला बाहर नहीं आ पाया और न दोषियों पर कार्रवाई हुई और न आवंटन निरस्त किया गया। राजस्थान पत्रिका ने यह मामला उठाया तो प्रशासन जागा और तीन दोषियों को 16 सीसीए की चार्जशीट जारी की गई और अब जमीन का आवंटन भी एडीएम प्रथम मुकेश कायथवाल ने निरस्त कर दिया है। इसके आदेश भी जारी हो गए हैं। हर व्यक्ति के नाम अलग-अलग निरस्तीकरण के आदेश जारी हुए हैं। शिकायतकर्ता उदयभान शर्मा का कहना है कि यह पत्रिका के बलबूते ही संभव हो सका है। अन्यथा प्रभावशाली लोग जंगल की जमीन ले चुके थे। अब मामला लोकायुक्त में फिर से ले जाएंगे ताकि बचे दोषियों पर कार्रवाई हो सके।

यह बना निरस्तीकरण का आधार

पूर्व एडीएम द्वितीय ने जांच में कहा था कि सब कुछ पता होने के बाद भी सरिस्का की जमीन का आवंटन संबंधित लोगों ने कर दिया। यह तथ्य उच्चाधिकारियों से भी छिपाया गया। राजकीय भूमि का नियमन गलत तरीके से किया गया। पूर्व तहसीलदार काे राजकीय भूमि को नियमन या आवंटन कराने से पूर्व नियमन करने के नियमों का भली भांति परीक्षण करना चाहिए था जो नहीं किया। उक्त तीनों पत्रावलियों पर पटवारी, गिरदावर (भू-अभिलेख निरीक्षक) व तहसीलदार ने लगातार कब्जा नहीं होने पर भी नियमों के विपरीत जाकर नियमन की सिफारिश की, जो कि भू-राजस्व नियमों के क्रम में सही नहीं है। पदीय कर्तव्य के विपरीत है। इसी आधार पर एडीएम प्रथम मुकेश कायथवाल ने जमीन का आवंटन निरस्त किया।

Published on:
27 May 2025 08:32 pm
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