सरिस्का टाइगर रिजर्व का नाम बदलकर भर्तृहरि अभ्यारण किए जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन तेज हो गया है। सोमवार को भर्तृहरि धाम परिसर में ग्रामीणों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय की गई।
सरिस्का टाइगर रिजर्व का नाम बदलकर भर्तृहरि अभ्यारण किए जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन तेज हो गया है। सोमवार को भर्तृहरि धाम परिसर में ग्रामीणों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय की गई।
बैठक के बाद ग्रामीणों ने ध्वज लेकर सरिस्का की ओर कूच किया। इस दौरान लोगों ने सरिस्का तिराहे पर ध्वज फहराया और आगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की। आंदोलन के समर्थन में कुशालगढ़, माधोगढ़ और भर्तृहरि बाजार पूरी तरह बंद रहे।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अनूप दायमा और जयप्रकाश ने बताया कि सरिस्का बाघ परियोजना का नाम भर्तृहरि अभ्यारण कराने की मांग को लेकर वे लंबे समय से प्रयासरत हैं। वहीं उन्होंने कहा कि तिजारा का नाम भर्तृहरि नगर रखे जाने का वे विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि भर्तृहरि धाम क्षेत्र का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, इसलिए अभ्यारण का नाम इसी से जुड़ा होना चाहिए।