राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के गोविंदपुरा गांव के लिए मंजूर हुआ केंद्रीय विद्यालय अब रैणी के दलेलपुरा गांव में बनेगा।
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र के गोविंदपुरा गांव के लिए मंजूर हुआ केंद्रीय विद्यालय अब रैणी के दलेलपुरा गांव में बनेगा। इस फैसले का राजगढ़ में पुरजोर विरोध हो रहा है। लोगों में में आक्रोश है। दरअसल, केंद्र सरकार ने बजट घोषणा में राजगढ़ के लिए केंद्रीय विद्यालय मंजूर किया था। इसके लिए प्रशासन ने गोविंदपुरा में जमीन देखी। केंद्रीय विद्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय से एक टीम निरीक्षण के लिए यहां आई थी।
इसकी रिपोर्ट दिल्ली कार्यालय केवीएस को भेजी गई। उसके बाद केंद्रीय विद्यालय का स्थान गोविंदपुरा से बदलकर रैणी के दलेलपुरा कर दिया गया। राजगढ़ निवासी तरुण राठिया का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय उनके क्षेत्र में ही बनाना चाहिए ताकि स्थानीय बच्चों को लाभ मिल सके। रोहित विजय का कहना है कि बड़ी मुश्किल से राजगढ़ को केंद्रीय विद्यालय मिला, लेकिन दूसरी जगह शिफ्ट करने से यहां के बच्चों का लाभ छिन जाएगा। राजगढ़ के ही वीरेंद्र शर्मा व जगदीश सैनी का कहना है कि राजगढ़ क्षेत्र में शिक्षा की दृष्टि से केंद्रीय विद्यालय बहुत जरूरी है। इसको दूसरी जगह स्थानांतरित करना गलत है। मुकेश जैमन, दीपक गुप्ता आदि ने भी इस फैसले पर आक्रोश जताया है।
प्रशासन का कहना है कि गोविंदपुरा में नदी-नाले के अलावा चारागाह की जमीन थी, जिस पर विद्यालय नहीं बन सकता। चारागाह के लिए सरकार से अनुमति नहीं मिली। ऐसे में अब केन्द्रीय विद्यालय रैणी क्षेत्र में बनाया जाएगा। राजगढ़ के पूर्व स्थान से 15 किमी के दायरे में ही यह एरिया आता है।
वहीं, जानकारों का कहना है कि सरिस्का के आसपास टहला, सिलीसेढ़ आदि एरिया में नदी, नाले, सिवायचक, पहाड़ आदि की जमीन पर होटल-रिसोर्ट खड़े हो गए। जांच रिपोर्ट दो साल पहले आ चुकी, लेकिन प्रशासन ने उन पर कार्रवाई नहीं की। विद्यालय बनाने की बारी आई, तो नाले आदि की जमीन बताकर निरस्त कर दिया गया। लोगों का आरोप है कि यह केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया गया।
केंद्रीय विद्यालय के लिए राजगढ़ में जो भी जमीनें देखी गईं, उनका स्टेटस नदी, नाला आदि आया। ऐसे में वहां विद्यालय बनाना संभव नहीं है - सीमा मीणा, एसडीएम राजगढ़
केंद्रीय विद्यालय के लिए राजगढ़ में उपयुक्त जमीन नहीं मिली। चारागाह की जमीन थी, लेकिन उस पर विद्यालय बनाने की अनुमति नहीं मिल पाई। नई जगह 15 किमी के दायरे में ही है, जो दूर नहीं है - आर्तिका शुक्ला, जिला कलक्टर