अलवर

पहली बार करणी माता की 15 दिन से नहीं हो रही पूजा-अर्चना, सड़क टूटने से पुजारी नहीं जा पा रहे मंदिर

राजस्थान पत्रिका ने मामले को उठाया तो सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और सड़क को सुधारने का काम शुरू कर दिया है।

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Jun 29, 2025
Photo- Patrika

अलवर के बाला किला स्थित प्राचीन करणी माता मंदिर में पहली बार 15 दिन से पूजा-अर्चना बंद है। मंदिर को जाने वाले रास्ते के टूटने की वजह से पुजारी यहां जा नहीं पा रहे, इसके चलते माता की पूजा नहीं हो पा रही है। गुप्त नवरात्र भी चल रहे हैं, ऐसे में भक्त भी माता के दर्शनों को नहीं जा पा रहे हैं। उधर, राजस्थान पत्रिका ने मामले को उठाया तो सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शनिवार से सड़क को सुधारने का काम शुरू कर दिया है।

पर्यटन सीजन हुआ खराब

मानसून सीजन में सरिस्का बंद रहता है। पिछले साल से इस इलाके को बंद नहीं किया जाता है। यहां भी टाइगर का मूवमेंट है, ऐसे में हर शनिवार व रविवार को बड़ी संया में पर्यटक यहां पहुंचते है। मगर इस बार सीजन खराब होने की उमीद है। सड़क निर्माण पूरा हुए बिना यहां किसी को एंट्री नहीं दी जाएगी।

प्रशासन को सिलीसेढ़ की पुलिया टूटने का इंतजार: सिलीसेढ़ लेक पैलेस को जाने वाली पुलिया भी जर्जर होने के कारण टूटने के कगार पर है। यहां भी अवकाश के दिन भीड़ ज्यादा रहती है। ऐसे में पुलिया के टूटने का खतरा है। इसे सही कराने के लिए अभी तक कोई पहल नहीं की है। न ही किशन कुंड की टूटी दीवार के मलबे को उठाया गया है।

अभी लगेगा समय

राजस्थान पत्रिका के शनिवार के अंक में ‘ जिले के पर्यटक स्थल मतलब हाई रिस्क जोन, संभल कर जाएं’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बताया गया कि बाला किला जाने वाली सड़क टूटी हुई है। 15 दिन बीतने के बाद भी इसको बनाने का काम शुरू नहीं किया है। खबर छपने के बाद मौके पर काम शुरू हो गया है, लेकिन अभी काम को पूरा होने में समय लगेगा। यह हाई रिस्क इलाका है, जहां टाइगर का मूवमेंट रहता है। साथ ही नीचे गहरी खाई भी है, इसलिए मौके पर संभल कर काम किया जा रहा है।

अन्य मंदिरों में भी पूजा-पाठ बंद

करणी माता मंदिर के पुजारी घनश्याम शर्मा ने बताया कि मंदिर को जाने वाला रास्ता बंद है, ऐसे में वहां कैसे जाएं? इस वजह से पूजा-अर्चना बंद पड़ी है। बाला किला में सीताराम जी मंदिर में भी पूजा पाठ बंद हैं। बाला किला क्षेत्र में ही चक्रधारी और तोप वाले हनुमानजी का भी मंदिर हैं। जहां वन विभाग की ओर से हर मंगलवार और शनिवार को भक्तों को जाने की छूट दी जाती है, लेकिन रास्ता बंद होने की वजह से यहां भी भक्त नहीं जा पा रहे हैं।

काम पहले भी शुरू करने की कोशिश की थी लेकिन सड़क व दीवारें पुरानी होने के कारण ढहने लगे। इससे खतरा और बढ़ गया। इसलिए काम रोक दिया। अब उत्तराखंड व पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण की जानकारी ली गई, उसके अनुसार ही इसे बनाया जाएगा।

-अलका व्यास, एक्सईएन, पीडल्ब्यूडी

Updated on:
29 Jun 2025 10:21 am
Published on:
29 Jun 2025 09:39 am
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