अम्बेडकर नगर

11 साल बाद खुले मकान में मिला ‘खजाना’, बिस्तर के नीचे मिले 1000-500 के पुराने नोट

अंबेडकरनगर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मामले ने प्रशासन से लेकर आम लोगों तक को चौंका दिया है। लगभग 11 सालों से बंद पड़े एक सरकारी आवास में भारी मात्रा में नकदी मिलने से हड़कंप मच गया।

less than 1 minute read
PC: 'X'

11 सालों से बंद पड़े एक सरकारी आवास का जब दरवाजा खोला गया तो कमरे के अंदर नोटों की गड्डियां पड़ी मिलीं। ये आवास एसीएमओ को दिया गया था जिसमें लगभग 10 साल पहले उनकी मौत हो गई थी। ये सभी 1000 और 500 के पुराने नोट हैं।

ये भी पढ़ें

अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अचानक लगने लगे ठहाके, शाहजहांपुर से आए तालिब ने ऐसा क्या कह दिया?

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आवंटित था मकान

यह सरकारी आवास मीरानपुर सीएचसी परिसर में है। एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डॉ. बीएन तिवारी को आवंटित किया गया था। डॉ. तिवारी 28 अगस्त 2007 को अंबेडकरनगर में नियुक्त हुए थे। 29 जनवरी 2014 को उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनका शव उनके कमरे में बिस्तर पर पड़ा मिला था, जिसके बाद प्रशासन ने आवास को सील कर दिया था। इसके बाद न तो उनके परिजन सामने आए और न ही विभाग ने इस कमरे को दोबारा खोलने की जरूरत समझी।

दस सालों तक बंद रहा मकान

तकरीबन एक दशक तक यह कमरा बंद रहा। इस दौरान जिले में आधा दर्जन से अधिक सीएमओ आए और चले गए लेकिन किसी ने इस आवास की ओर ध्यान नहीं दिया। हालांकि नए सीएमओ डॉ. संजय कुमार शैवाल ने इस भवन की मरम्मत कराने का निर्णय लिया तब जाकर यह मामला दोबारा प्रकाश में आया।

बिस्तर के नीचे और अलमारी में मिले साढ़े बाईस लाख रुपये

जिलाधिकारी से अनुमति लेकर एक टीम बनाई गई और वीडियोग्राफी के बीच कमरे का ताला तोड़ा गया। दरवाजा खुलते ही कमरे के अंदर का दृश्य देखकर अधिकारी स्तब्ध रह गए। बिस्तर के नीचे और अलमारी में छिपाकर रखे गए पुराने पांच सौ और हजार रुपये के नोट बरामद हुए, जिनकी कुल राशि 22 लाख 48 हजार रुपये थी। चूंकि ये नोट 2016 में हुई नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हो चुके हैं, इसलिए इन्हें ट्रेजरी में जमा कराया गया है।

ये भी पढ़ें

पत्नी की मृत्यु के बाद शव रखने में हुई दिक्कत….ब्रह्मभोज के दिन पति ने दान कर दिया डीप फ्रीजर

Also Read
View All

अगली खबर