ACB arrested Clerk and Patwari: हाथी के हमले में मौत मामले में आपदा राहत मद की राशि जारी करने के नाम पर क्लर्क ने मांगी थी 10 हजार की रिश्वत, जबकि पटवारी ने जमीन की चौहद्दी काटने मांगे थे 15 हजार
अंबिकापुर. एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB arrested Clerk and Patwari) की टीम ने प्रतापपुर तहसील में पदस्थ क्लर्क व गोविंदपुर पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। दरअसल तहसील के बाबू ने हाथी के हमले में मौत के बाद शासन से मिलने वाली आपदा मद की राशि जारी करने के एवज में 12 हजार 500 रुपए की रिश्वत मांगी थी। वहीं पटवारी ने जमीन की चौहद्दी काटने के एवज में 15 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी। दोनों ही मामले में पीडि़तों ने एसीबी से शिकायत की थी। शिकायत के बाद शुक्रवार को एसीबी की टीम ने यह कार्रवाई की।
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पोड़ीमोड़ निवासी राजेंद्र बघेल के परिजन की मौत हाथी के हमले में हो गई थी। शासन की ओर से आपदा राहत मद से उसे मुआवजा जारी किया गया था। मुआवजे की राशि जारी करने के एवज में प्रतापपुर तहसील में पदस्थ क्लर्क बृजभान सिंह (ACB arrested Clerk and Patwari) ने 12 हजार 500 रुपए की डिमांड की थी।
2500 रुपए वह पहले ही ले चुका था, जबकि 10 हजार रुपए और मांग रहा था। इसकी शिकायत राजेंद्र बघेल ने एसीबी अंबिकापुर की टीम से की थी। इसी बीच प्लान बनाकर शुक्रवार को एसीबी की टीम प्रतापपुर तहसील पहुंची। यहां केमिकल लगे 10 हजार रुपए जैसे ही पीडि़त ने क्लर्क (ACB arrested Clerk and Patwari) को दिए, पहले से वहां मौजूद एसीबी की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
इधर एसीबी की टीम ने 15 हजार की रिश्वत (ACB arrested Clerk and Patwari) लेते सूरजपुर जिले के गोविंदपुर पटवारी मोगेंद्र सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पटवारी ने जमीन की चौहद्दी काटने के एवज में एक ग्रामीण से 15 हजार रुपए की डिमांड की थी।
इसकी शिकायत ग्रामीण ने एसीबी से की थी। शुक्रवार को एसीबी की टीम ने पटवारी को ग्रामीण से रुपए लेते दबोच लिया। एसीबी की टीम ने ग्रामीण को केमिकल लगे 15 हजार रुपए देकर पटवारी को देने भेजा था।
एसीबी की टीम ने तहसील में पदस्थ क्लर्क व पटवारी को गिरफ्तार (ACB arrested Clerk and Patwari) कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि क्लर्क की पदस्थापना शिक्षा विभाग जरही में थी। 5 साल पूर्व उसे प्रतापपुर तहसील में अटैच किया गया था।