Ajab-Gajab: शहर से लगे ग्राम सरगवां में करीब 400 ग्रामीणों ने प्रसाद के रूप में खाया बकरे का मांस, रेबीज होने की आशंका को लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल
अंबिकापुर। अंबिकापुर-प्रतापपुर मार्ग पर शहर से लगे ग्राम सरगवां से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। रविवार को यहां परंपरागत पूजा में बकरों की बलि दी गई और प्रसाद पूरे गांव के लोगों को खिलाया गया। करीब 400 ग्रामीणों ने मांस खाया था। अब यह बात सामने आ रही है कि जिन बकरों की बलि दी गई, उनमें एक बकरा ऐसा भी था जिसे रेबीज संक्रमित कुत्ते ने काट (Ajab-Gajab) लिया था। इसे लेकर गांव में हडक़ंप मच गया है। ग्रामीण में इस बात का डर है कि कहीं उन्हें भी रेबीज की बीमारी न हो जाए। 31 दिसंबर को एहतियातन गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर जांच की जाएगी।
शहर से लगे ग्राम सरगवां में 28 दिसंबर को निकाली पूजा का आयोजन किया गया था। इसमें 12 से 15 बकरों की बलि दी गई थी तथा गांव के लोगों को इनका मांस प्रसाद के रूप में खिलाया गया था। गांव के करीब 400 ग्रामीणों ने यह प्रसाद खाया था। इसी बीच पता चला कि इन बकरों में से एक को रेबीज संक्रमित कुत्ते (Ajab-Gajab) ने काटा था।
इससे गांव में हडक़ंप मच गया। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच नारायण प्रसाद व उपसरपंच कृष्णा सिंह द्वारा उक्त बकरों की खरीदी गांव के ही नान्हू राजवाड़े (Ajab-Gajab) से की गई थी।
नान्हू को यह बात पता थी कि एक बकरे को रेबीज संक्रमित कुत्ते ने काटा था, इसके बाद भी उसने ये बात जनप्रतिनिधियों को नहीं बताई। अब गांव के लोग दहशत में हैं। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उन्हें भी रेबीज (Ajab-Gajab) न हो जाए। वे एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाने की तैयारी में हैं।
बकरे का प्रसाद खाकर भयभीत गांव के लोग मंगलवार को सीएमएचओ से मिले। उन्होंने गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर जांच करने की मांग की है। स्वास्थ्य विभाग (Ajab-Gajab) की ओर से 31 दिसंबर को शिविर लगाकर उनका स्वास्थ्य जांच किया जाएगा।
ग्राम सरगवां में परंपरा के अनुसार हर तीसरे साल निकाली पूजा का आयोजन किया जाता है। इसमें स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा की जाती है और बकरों की बलि (Ajab-Gajab) दी जाती है। बकरों का मांस प्रसाद के रूप में गांव के पुरुष सदस्य ही खाते हैं।
इस संबंध में पशु चिकित्सक डॉ. चंदू मिश्रा का कहना है कि यदि किसी बकरे को रेबीज संक्रमित कुत्ते ने काट भी लिया है, यदि उसका मांस ग्रामीणों ने अच्छी तरह से पकाकर खाया है तो कोई दिक्कत (Ajab-Gajab) नहीं है। उचित तापमान पर मांस पक जाने से रेबीज के वायरस मर जाते हैं। एहतियातन स्वास्थ्य जांच जरूरी है।