Ambikapur Nigam: पूर्व मेयर व पूर्व कांग्रेसी पार्षदों ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका, जून २०२३ से लंबित है मानदेय, निगम को आगामी 3 माह में 67 लाख का करना होगा भुगतान
अंबिकापुर. नगर निगम के पूर्व महापौर और पार्षदों के लंबित 1 करोड़ 43 लाख रुपए के मानदेय को लेकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने गाइडलाइन जारी करते हुए इस मामले (Ambikapur Nigam) के निपटारे का आदेश जारी किया है। 2019 से 2025 की अवधि तक के निगम कार्यकाल के चुने हुए महापौर और पार्षदों का मानदेय जून 2023 से लंबित है। इस बीच जनवरी 2025 में पूर्व महापौर और पार्षदों का कार्यकाल भी समाप्त हो गया था। वर्तमान में निगम में भाजपा की नई सरकार है।
दरअसल मानदेय का भुगतान (Ambikapur Nigam) नहीं होने के कारण महापौर एवं कांग्रेस से जुड़े 21 पार्षदों ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसपर उच्च न्यायालय ने 28 नवंबर को आदेश जारी किया था। याचिका की बहस के दौरान नगर निगम के अधिवक्ता ने यह तर्क दिया था कि पूर्व महापौर और पार्षदों ने उन महीनों के हिसाब नहीं दिया है जिनका मानदेय नहीं दिया गया है।
सभी पक्षों को सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया कि सभी पिटीशनर, जिनमें पूर्व महापौर और पार्षद शामिल हैं, आदेश के 2 सप्ताह के अंदर निगम अम्बिकापुर (Ambikapur Nigam) के समक्ष मानदेय नहीं मिलने वाली अवधि का हिसाब देंगे और निगम हिसाब प्राप्त होने के 3 माह के अंदर राज्य सरकार के नोटिफिकेशन दिनांक 12 मई 2022 के हिसाब से निपटारा करें।
इसपर याचिकाकर्ता महापौर और पार्षदों ने 11 दिसंबर को आयुक्त, नगर निगम अम्बिकापुर (Ambikapur Nigam) को अपने बकाया मानदेय विवरण दे दिया है।
निगम अम्बिकापुर (Ambikapur Nigam) द्वारा निगम के पूर्व कार्यकाल में जून 2023 से जनवरी 2025 तक पार्षदों और महापौर को मानदेय भुगतान नहीं किया गया है। इस अवधि के लिए निगम के 47 पार्षदों और महापौर का कुल 1.43 करोड़ का मानदेय बकाया है। उच्च न्यायालय द्वारा जिन 22 याचिकाकर्ता पार्षदों और महापौर के लिए आदेश जारी किया है, उन्हें आगामी 3 माह में 67 लाख का भुगतान करना होगा।