अंबिकापुर

Bengali refugees: इंजीनियरिंग कॉलेज को आबंटित जमीन पर बंगाली शरणार्थियों ने जताया हक, पहुंचे कलेक्टर के पास

Bengali refugees: अंबिकापुर के डिगमा में इंजीनियरिंग कॉलेज को आबंटित की गई है भूमि, डिगमा के बंगाली शरणार्थियों ने जनदर्शन में कलेक्टर को आवेदन सौंपा

2 min read
Bengali refugees reached in collectorate

अंबिकापुर. बंगाली शरणार्थियों (Bengali refugees) ने डिगमा स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए आवंटित भूमि पर दावा जताया है। बंगाली शरणार्थियों ने मंगलवार को आयोजित जनदर्शन में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया है कि वर्ष 2009-10 में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा 10.27 हेक्टेयर भूमि को इंजीनियरिंग महाविद्यालय को आबंटित कर दिया गया है। बंगाली शरणाार्थियों ज्ञापन सौंपकर आबंटित हुई उक्त भूमि को विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के कब्जे से मुक्त कराने की मांग की है।

बंगाली शरणार्थियों का कहना है कि ग्राम डिगमा में 16.33 हेक्टेयर भूमि पर विगत 50-60 वर्षों तक काबिज होकर लगभग 42 परिवार घर बनाकर एवं खेती-बाड़ी कर जीवन यापन कर रहे हंै।

लेकिन तत्कालीन कलेक्टर द्वारा 10.27 हेक्टेयर भूमि को इंजीनियरिंग महाविद्यालय को आबंटित कर दिया गया है। जबकि आबंटन से पूर्व ही उक्त भूमि पर ग्रामीण खेती बड़ी कर काबिज कास्त थे।

Engineering college Ambikapur

फर्जी तरीके से आबंटन करने का आरोप

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तत्कालीन कलेक्टर द्वारा भूमि आवंटन से संबंधित जो आदेश पारित किया है, उस आदेश में हल्का पटवारी व तहसीलदार द्वारा झूठ बोलकर एवं गुमराह करते हुए प्राचार्य विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज से सांठगांठ कर प्रतिवेदन बनाकर प्रस्तुत किया गया है।

वह पूरी तरीके से फर्जी है। क्योंकि उक्त भूमि पर 42 परिवार 50-60 वर्षों से घर बनाकर व खेती कर जीवन यापन करते चले आ रहे हैं।

Bengali refugees: प्राचार्य पर लगाया मनमानी का आरोप

ग्रामीणों ने आवेदन के माध्यम से कलेक्टर को अवगत कराया है कि उक्त समस्त भूमि को महाविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज को आबंटन के पश्चात यहां के निवासियों (Bengali refugees) को कॉलेज प्रबंधन द्वारा शासन की समस्त सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है।

Bengali refugees reached in collectorate

इसमें भारत सरकार व छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नल जल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना से वंचित रखा गया है। ऐसे कई प्रकार की योजनाओं का लाभ कॉलेज प्रबंधन द्वारा रोक दिया गया है।

जेसीबी से मकान ध्वस्त करने की धमकी

शरणार्थियों का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन द्वारा उक्त भूमि पर कब्जा हटाकर चले जाने व निर्मित मकानों एवं दुकानों को जेसीबी मशीनों द्वारा ध्वस्त करने की धमकी दी जा रही है।

कई मकानों को प्राचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज द्वारा बिना किसी शासकीय आदेश के तोड़वा दिया गया है। ग्रामीणों ने आबंटित हुए उक्त भूमि को विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के कब्जे से मुक्त कराने की मांग की है।

Published on:
12 Nov 2024 09:04 pm
Also Read
View All
Amera coal mines extension: अमेरा कोल माइंस विस्तार मामला: पुलिस और ग्रामीणों में खूनी संघर्ष के बाद शुरु हुआ बातचीत का दौर, बनी ये रणनीति

Severe cold in Ambikapur: अंबिकापुर में पड़ रही कड़ाके की ठंड, पारा पहुंचा 4.6 डिग्री, जम गईं ओस की बूंदें, खेतों में बिछी बर्फ की सफेद चादर

Gang rape in CG: चाची-भतीजी से झारखंड के 3 युवकों ने जंगल में किया गैंगरेप, विवाहिता ने लगाई फांसी, ASI सस्पेंड, SI लाइन अटैच

Raid in fake cigarette factory: Video: ब्रांडेड के नाम पर नकली सिगरेट बिक्री का भांडाफोड़, प्रशासन-पुलिस ने गोदाम में मारा छापा

Commits suicide: जिम से घर पहुंचे युवक ने लगाई फांसी, Video रिकॉर्ड कर बोला- ये तीनों मेरी मौत के जिम्मेदार

अगली खबर