अंबिकापुर

Chaitra Navratri 2025: देवी मंदिरों में जले ज्योति कलश, माता के दर्शन करने महामाया मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Chaitra Navratri 2025: हिंदू नव वर्ष की हुई शुरुआत, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन हुई मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना, श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर मांगी परिवार की सुख-समृद्धि

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Devotees in Mahamaya temple Ambikapur

अंबिकापुर. चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) की शुरूआत रविवार को विधिवत पूजा-अर्चना के साथ हुई। इसके साथ ही मंदिरों में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करने और माता की आराधना के लिए भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पर श्रद्धालुओं के बीच खास उत्साह देखा गया। भक्तों ने मंदिर पहुंच कर मां के दर्शन किए और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा हुई। शहर के महामाया मंदिर में माता रानी के दर्शन करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

Maa Mahamaya

रविवार को जगत जननी मां दुर्गा की आराधना शुभ मुहूर्त में घट स्थापना (Chaitra Navratri 2025) के साथ शुरु हुई। शहर के देवी मंदिरों में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। माता की एक झलक पाने के लिए सभी श्रद्धालु लालायित नजर आए। माता रानी के दरबार में मत्था टेकने का सिलसिला सुबह से देर शाम तक चलता रहा।

चैत्र नवरात्रि की शुरूआत रविवार को भक्तिमय वातावरण में हुई। पहले दिन मां का विशेष श्रंृगार किया गया। शुभ मुहूर्त में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए। शहर के महामाया मंदिर, समलाया मंदिर, मां दुर्गा शक्तिपीठ गांधी चौक,

संत हरकेवल मंदिर, काली मंदिर, रघुनाथपुर मंदिर, शीतला मंदिर सहित शहर के सभी देवी मंदिरों में माता की आराधना करने श्रद्धालु पहुंचे। मंदिरों में देवी भागवत कथा, दुर्गा सप्तसती का पाठ व भजन-कीर्तन किया जा रहा है।

Chaitra Navratri 2025: ज्योति कलश से जगमगाए मंदिर

माता के मंदिर में मुख्य कलश स्थापित करने के बाद मंत्रोच्चारण (Chaitra Navratri 2025) के साथ ही विधिवत पूजन हुआ। इसके बाद सैकड़ों ज्योति कलश प्रज्जवलित हुए। माता के दरबार में ज्योत जलाकर भक्त मनौती पूरी होने की कामना करते नजर आए। वहीं कई भक्तों ने अपने-अपने घरों में भी ज्योति कलश स्थापित कर पूजा अर्चना की।

मंदिरों में श्रद्धालुओं की लगी कतार

चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) पर मंदिरों के पट पूरी तरह से श्रद्धालुओं के लिए खोले गए हैं। मां के दर्शन के लिए सुबह से ही महामाया मंदिर सहित दुर्गा मंदिर, गौरी मंदिर व अन्य मंदिरों में श्रद्धालओं की लंबी कतारें लगी हुईं थी।

शैलपुत्री स्वरूप की हुई पूजा

नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) के प्रथम दिवस माता के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की गई। शैलपुत्री का अर्थ पहाड़ों वाली माता होता है। माता के इस स्वरूप की पूजा से भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं। सभी ने श्रद्धाभाव से मां के पहले रूप की पूजा-अर्चना कर अपने व परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की।

Updated on:
30 Mar 2025 08:22 pm
Published on:
30 Mar 2025 08:14 pm
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