Constable murder case: सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई के साथ की घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग, आरक्षक के परिजन को 1 करोड़ मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को नौकरी की भी मांग
अंबिकापुर। 11 मई की आधी रात रेत उत्खनन रोकने के दौरान सनावल थाना में पदस्थ आरक्षक शिवबचन सिंह पर ग्राम लिबरा कन्हर नदी में तस्करों ने ट्रैक्टर चढ़ा दिया था। इससे आरक्षक की मौत (Constable murder case) हो गई थी। घटना को लेकर क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश है। इस बीच कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मुलाकात की है। कलेक्टर, एसपी को रेत तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इधर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी घटनास्थल पहुंचे, इसके बाद मृत आरक्षक के घर पहुंच कर शोक संवेदना व्यक्त की।
आदिवासी समाज के लोगों ने मामले (Constable murder case) की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के साथ घटना के जिम्मेदार सभी लोगों के विरुद्ध भी अपराध दर्ज करने की मांग रखी। इसके अलावा परिवार को1१ करोड़ रुपए मुआवजा एवं तत्काल एक सदस्य को शासकीय नौकरी दिए जाने की मांग भी की है।
गौरतलब है कि सनावल थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत धौली के ग्राम लिबरा में 11 मई की रात अवैध तस्करी को रोकने आरक्षक शिवबचन सिंह अन्य पुलिस कर्मियों के साथ कन्हर नदी में गए थे। इसी दौरान ट्रैक्टर से रेत तस्करों द्वारा उन्हें कुचल दिया गया, जिससे उनकी मौत (Constable murder case) हो गई थी। सर्व आदि समाज ने आरोप लगाया कि बिना मिलीभगत के अवैध रेत खदान संचालित नहीं हो सकता है।
निश्चित रूप से शासन-प्रशासन की मिलीभगत से यह रेत खदान संचालित हो रहा था। ग्रामीणों द्वारा कई बार लिखित व मौखिक सूचना के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई। ऐसे में रेत तस्करों (Constable murder case) के हौसले बुलंद थे एवं उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया। समाज के लोगों ने कहा कि शिवबचन सिंह होनहार था, जो प्रदेश स्तर का धावक था।
जहां-जहां शिवबचन ने अपनी आरक्षक के रूप में सेवाएं दी, उसकी प्रशंसा ही हुई। जिस प्रकार से यह घटना हुई, हम सब बहुत ही आहत हैं। घटना (Constable murder case) की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए एवं दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति क्षेत्र में न हो।
ग्राम लिबरा के घटनास्थल एवं मृतक शिवबचन सिंह (Constable murder case) के घर पर बसंत कुजूर, कुलदीप तिर्की, शिव शंकर सिंह खरवार, सुखनाथ मरावी, शतन राम नगेसिया, रामदास, सामाजिक कार्यकर्ता रामदेव जगते, राजकुमार पोर्ते, राम अवतार सोनवानी, राजपाल धुर्वे सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद रहे।
सर्व आदिवासी समाज के बड़ी संख्या में पदाधिकारी ग्राम लिबरा पहुंचे। इसी दौरान झारखंड पुलिस के कई अधिकारियों ने भी घटनास्थल (Constable murder case) पर पहुंचकर निरीक्षण किया। अधिकारियों के निर्देश पर जिस रास्ते से रेत की तस्करी हो रही थी, उस रास्ते को जेसीबी मशीन से गड्ढा करवाकर रास्ता बंद कराया गया।
छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच खौफ पैदा कर झारखंड के रेत तस्करों (Constable murder case) द्वारा रेत का उत्खनन किया जा रहा था। ग्रामीणों ने कई बार इसका विरोध भी किया। गांव के देवीलाल पंडो ने बताया कि दिसंबर माह से ही यहां रेत उत्खनन हो रहा था, हम लोगों ने कई बार मना किया कि छत्तीसगढ़ की सीमा की ओर से आप रेत मत उठाइए, लेकिन वे हमे धमकी देकर रेत उत्खनन करते रहे।
पंच राजेंद्र रवि ने बताया कि हम लोगों ने कई बार मौके पर जाकर विरोध किया एवं थाने में भी लिखित सूचना दी। लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपापोती हुई, जिस कारण से ऐसी घटना घटी।
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने आरक्षक शिवबचन सिंह की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या (Constable murder case) की जाने की कड़ी भत्र्सना की है। उन्होंने कहा है कि आरक्षक शिवबचन सिंह होनहार व काबिल सिपाही था। मंत्री नेताम ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मुख्य सचिव से मिलकर घटना के संबंध में अवगत कराया।
नेताम ने रेत तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह की घटना (Constable murder case) को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अपराधियों और रेत तस्करों के खिलाफ कठोर कार्यवाही के लिए बलरामपुर जिले के कलेक्टर और एसपी को निर्देशित किया है। नेताम ने कहा है कि कर्तव्यनिष्ठ पुलिस आरक्षक शिवबचन सिंह के परिवार के साथ मेरी पूरी संवेदनाएं हंै।