Elephants killed villager: मवेशी चराने घर से निकला था ग्रामीण, रात में जब घर नहीं लौटा तो परिजन पहुंचे थे जंगल की ओर, पड़ा हुआ था शव, आस-पास थे हाथियों के पैरों के निशान
अंबिकापुर. Elephants killed villager: मैनपाट के दांतीढाब जंगल में हाथियों ने मवेशी चराने गए एक बुजुर्ग को कुचलकर मार डाला। शनिवार की देर शाम तक जब वह घर नहीं लौटा तो परिजन उसे खोजने निकले थे। रविवार की सुबह जंगल में उसकी लाश मिली। लाश के पास ही हाथियों (Elephants killed villager) के पैरों के निशान बने हुए थे। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से 12 हाथियों का दल मैनपाट क्षेत्र में विचरण कर रहा है। ये हाथी रायगढ़ सीमा पार कर कापू के रास्ते मैनपाट क्षेत्र में पहुंचे हैं, अब ये आतंक मचा रहे हैं।
मैनपाट के नर्मदापुर निवासी नारद यादव (60) शनिवार को मवेशी चराने गांव से लगे दांतीढ़ाब जंगल में गया था। देर शाम तक जब वह घर नहीं लौटा तो परिजन उसकी तलाश करने लगे। इसी बीच रविवार की सुबह उसकी खोजबीन करते हुए दांतीढ़ाब जंगल में गए तो वहां उसकी लाश (Elephants killed villager) पड़ी थी।
लाश को देखकर हाथी द्वारा कुचले जाने (Elephants killed villager) की पुष्टि हुई। शव के आसपास हाथियों के पैरों के निशान मिले हैं। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को पीएम करवाकर परिजन को सौंप दिया है।
वहीं वन विभाग ने मृतक के परिजन को तात्कालिक सहायता राशि उपलब्ध कराया। इसके बाद विभाग द्वारा मुआवजे का प्रकरण तैयार किया जा रहा है।
नर्मदापुर के आसपास के जंगल में 12 हाथी विचरण (Elephants killed villager) कर रहे हैं। ये शाम होते ही ग्रामीण इलाकों में घुस आते हैं। हाथियों की दहशत के कारण ग्रामीण रात में घरों को छोडक़र छतों पर रात बिताते हैं।
हाथी ग्रामीणों की धान और मक्के की फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। दो दिन पूर्व हाथियों का दल कापू मुख्य मार्ग पर सडक़ पर आ गया था, जिससे करीब 2 घंटे तक मार्ग बंद रहा था।
रायगढ़ व जशपुर जिले से सीमा पार कर हाथियों का दल (Elephants killed villager) मैनपाट के इलाकों में आए दिन पहुंचते हैं। पिछले 8 महीने में हाथियों ने ग्राम केसरा, बरवाली, कंडराजा, नर्मदापुर, डांडकेसरा सहित अन्य गांवों में उत्पात मचा रखा है। उन्होंने अब तक 50 से अधिक कच्चे मकानों को ध्वस्त कर दिया है। वहीं फसल को भी नुकसान पहुंचा चुके हैं।