Fake birth certificate: ई-सेवा केन्द्र द्वारा जिले में मात्र 50 च्वाइस सेंटर्स को दी गई है अनुमति, सीतापुर क्षेत्र में भी अवैध जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले आ चुके हैं सामने
अंबिकापुर. सरगुजा जिले में फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र (Fake birth certificate) बनाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। इसके लिए गिरोह सक्रिय है। इसका खुलासा तब हो रहा है जब जन्म प्रमाणपत्र लेकर आधार कार्ड सुधरवाने पहुंच रहे हैं। जन्म प्रमाण पत्र पर फर्जी पाया जा रहा है। एक ऐसा ही मामला गुरुवार को सामने आया है। पीएचई विभाग का एक चौकीदार जन्म प्रमाण पत्र लेकर अपना आधार कार्ड बनवाने ई-सेवा केन्द्र पहुंचा। यहां जांच में जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। ई-सेवा केन्द्र प्रभारी वैभव सिंह ने मामले को संज्ञान में लेकर आगे कार्रवाई की बात कही है।
सरगुजा जिले के लखनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चुकनडांड़ निवासी कामेश्वर राजवाड़े पीएचई विभाग जशपुर जिले में चौकीदार के पद पर पदस्थ है। उसके आधार कार्ड में जन्म तिथि 1950 अंकित (Fake birth certificate) है। जबकि पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज में जन्मतिथि 1962 है। इस कारण इसके कई काम नहीं हो रहे हैं। जबकि वह मात्र कक्षा 5वीं तक पढ़ा है।
वहीं आधार कार्ड में जन्म तिथि सुधरवाने के लिए कक्षा 10वीं का अंक सूची मान्य है। इस कारण उसके आधार कार्ड में जन्म तिथि नहीं सुधर पा रहा है। जबकि इसकी सेवानिवृति का भी समय नजदीक आ गया है। वह अपनी समस्या भतीजे को बताया तो उसने लखनपुर में ऑनलाइन सेंटर (Fake birth certificate) में काम करने वाले युवक से संपर्क किया।
ऑनलाइन सेंटर वाले ने कहा कि वह इनका जन्म प्रमाण पत्र बनवा देगा तथा इसके आधार कार्ड में जन्म तिथि भी सुधर जाएगा। इसके लिए उसने 1100 रुपए की मांग की। कामेश्वर उसके झांसे में आकर तैयार हो गया। कुछ दिनों बाद फर्जी जन्म प्रमाणपत्र ऑनलाइन बनाकर युवक ने कामेश्वर को थमा दिया।
कामेश्वर राजवाड़े अपना जन्म प्रमाण पत्र लेकन आधार कार्ड सुधरवाने अंबिकापुर ई-सेवा केन्द्र पहुंचा तो ऑपरेटर ने उसके जन्म प्रमाण पत्र की ऑनलाइन जांच की तो फर्जी (Fake birth certificate) पाया गया। ई-सेवा केन्द्र प्रभारी वैभव सिंह ने मामले में कार्रवाई की बात कही है।
ई-सेवा केन्द्र प्रभारी वैभव सिंह ने कामेश्वर राजवाड़े से जन्म प्रमाण पत्र (Fake birth certificate) के बारे में पूछा तो उसने लखनपुर में एक व्यक्ति के माध्यम से बनवाना बताया। ई-सेवा केन्द्र प्रभारी ने उक्त व्यक्ति का मोबाइल नंबर मांग कर ग्राहक बनकर प्रमाण पत्र बनाने के लिए बात की तो उसने बताया कि बन जाएगा। मेरा रिश्तेदार मंत्रालय में पदस्थ है, वही बनाता है।
ई-सेवा केन्द्र प्रभारी वैभव सिंह ने बताया कि जिले में मात्र 50 च्वाइस सेंटर संचालित हैं। जबकि अंबिकापुर सहित आस-पास के क्षेत्रों में अवैध रूप से काफी संख्या में ऑनलाइन सेंटर्स (Fake birth certificate) संचालित हो रहे हैं। जहां से कई फर्जी काम किए जा रहे हैं।
इस पर निगरानी व नियंत्रण के लिए किसी भी जिम्मेदार के पास समय नहीं है। सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पूर्व सीतापुर क्षेत्र में 3 माह के अंदर 500 से अधिक फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाए जाने के मामले सामने आए थे।