अंबिकापुर

GST raid: Video: व्यापारियों ने बंद रखी दुकानें, निकाली रैली, जीएसटी विभाग बोला- 2 फर्मों में करोड़ों के घोटाले का किया खुलासा

GST raid: जीएसटी स्टेट की टीम द्वारा अंबिकापुर के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर मारे जा रहे छापे का व्यापारियों ने जताया था विरोध, कांग्रेस ने भी व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन को दिया समर्थन

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Traders protest of GST raid

अंबिकापुर। जीएसटी की टीम द्वारा बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर की जा रही छापेमार कार्रवाई (GST raid) का अंबिकापुर के व्यापारियों ने शनिवार को विरोध जताया था। इस दौरान व्यापारियों ने रविवार को दुकानें बंद कर विरोध करने का निर्णय लिया था। इसी कड़ी में रविवार को कई व्यापारियों ने दुकानें बंद कर शहर में रैली निकाली। व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन का जिला कांग्रेस कमेटी ने भी समर्थन किया। व्यापारियों ने जीएसटी के अधिकारियों पर उन्होंने बेवजह परेशान करने और अवैध वसूली का आरोप लगाया। इधर जीएसटी स्टेट की टीम ने बताया कि 2 फर्मों द्वारा गंभीर वित्तीय अनियमितता व कर चोरी की गई है, जिसका प्रमाणित खुलासा उन्होंने किया है।

3 दिन पूर्व जीएसटी की टीम ने शहर के गोधनपुर स्थित विवेक ट्रेडर्स में छापा (GST raid) मारा था। छापेमारी की कार्रवाई देर रात तक चली थी। इस दौरान भी व्यापारियों व जीएसटी की टीम के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी। वहीं शनिवार को जीएसटी की टीम बिलासपुर रोड स्थित लक्ष्मी ट्रेडर्स की दुकान में छापेमारी की कार्रवाई करने पहुंची।

इसकी जानकारी मिलते ही शहर सहित जिले भर के व्यापारी आक्रोशित हो गए। व्यापारी संघ ने पहले बैठक की, इसके बाद कार्रवाई स्थल पर पहुंचकर विरोध जताते हुए जीएसटी अधिकारियों (GST raid) के खिलाफ नारेबाजी की थी। कैट के प्रदेश उपाध्यक्ष रविन्द्र तिवारी ने कहा कि जीएसटी टीम द्वारा अनावश्यक रूप से व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है।

अनाप-शनाप पेनाल्टी वसूली जा रही है। इससे व्यापारी वर्ग आक्रोशित है। जीएसटी टीम द्वारा जीएसटी मिसमैच बताकर अवैध वसूली कर रही है। व्यापारी संघ का कहना था कि अगर कार्रवाई नहीं रुकेगी तो सभी व्यापारी अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर चाबी जीएसटी टीम (GST raid) को सौंप देंगे।

GST raid: दुकानें बंद कर जताया विरोध

रविवार को व्यापारियों ने शहर की दुकानें बंद रखकर जीएसटी की कार्रवाई (GST raid) का विरोध जताया। शहर में रैली भी निकाली गई। उन्होंने विरोध स्वरूप पोस्टर भी जारी किया। इसमें लिखा था ‘व्यापारी हैं हम चोर नहीं।’ रैली के दौरान व्यापारियों ने नारेबाजी भी की। उन्होंने कहा कि जीएसटी के अधिकारी उन्हें बेवजह परेशान कर रहे हैं।

बिना किसी सूचना के छापा मारा जा रहा है। विरोध प्रदर्शन को जिला कांग्रेस कमेटी ने भी समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही छोटे व मध्यम व्यापारियों को सपोर्ट करती आई है। इधर दोपहर बाद शहर की अधिकांश दुकानें खुल गईं।

Closed shops

‘2 फर्मों में करोड़ों के घोटाले का खुलासा’

इधर प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि जीएसटी स्टेट विभाग की अंबिकापुर टीम द्वारा 3 दिन के भीतर शहर के 2 फर्म मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कार्पोरेशन व मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स में छापा मारा (GST raid) गया। इस दौरान भारी वित्तीय अनियमितता व कर चोरी का खुलासा हुआ। उन्होंने बताया कि 29 मई को अंबिकापुर स्थित मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कार्पोरेशन की जांच की गई।

जीएसटी पोर्टल पर इस फर्म का रिस्क स्कोर 10 पाया गया, जो कि कर चोरी की उच्च संभावना को दर्शाता है। जांच में फर्म स्थल पर न तो कोई लेखा पुस्तिका थी और न ही टैली का उपयोग किया गया था। वहीं फर्म द्वारा वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक लगभग 158 करोड़ रुपए का कारोबार किया गया, लेकिन इस पर नगद कर का भुगतान शून्य किया गया।

ई-वे बिल की जांच (GST raid) में भी गंभीर अनियमितता सामने आई। वर्ष 2023-24 में फर्म द्वारा 29.50 करोड़ रुपए का माल क्रय किया गया, जबकि मात्र 50 लाख रूपए की आपूर्ति दर्शाई गई। इससे यह पता चला कि शेष माल का विक्रय आम उपभोक्ताओं को कर रहित तरीके से किया गया तथा बिल अन्य व्यवसायियों के नाम बनाकर बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ प्रदान किया गया।

Traders tally

इससे केंद्र एवं राज्य सरकार (GST raid) को कर राजस्व की भारी क्षति हुई। इस पर व्यापारी ने अपनी गलती मानी और 40 लाख रुपए टैक्स राशि भुगतान करने की इच्छा जताई, लेकिन विभाग द्वारा मांगे गए दस्तावेज अब तक प्रस्तुत नहीं किए गए हैं। जांच अभी भी जारी है।

लक्ष्मी ट्रेडर्स ने 17.55 लाख रुपए का किया भुगतान

जीएसटी स्टेट (GST raid) की टीम ने बताया कि 30 एवं 31 मई को अंबिकापुर के मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडस में कार्रवाई की गई। इसमें पता चला कि इस फर्म द्वारा वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 96 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार किया गया, किंतु एक रुपए भी कर नहीं पटाया गया।

वहीं वर्ष 2023-24 में 11 करोड़ रुपए का माल खरीदना दिखाया गया, जबकि आपूर्ति मात्र 7 करोड़ रुपए की ही दर्ज की गई। व्यवसायी द्वारा टैक्स चोरी की बात मानते हुए 17.55 लाख रुपए का स्वैच्छिक भुगतान किया गया है। उन्होंने बताा कि इस फर्म के विरुद्ध पूर्व में कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

Updated on:
01 Jun 2025 05:23 pm
Published on:
01 Jun 2025 05:17 pm
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