Mainpat bauxite mines: मैनपाट में दो खदानों के लिए हुई जनसुनवाई, दूसरे खदान के लिए हुई जनसुनवाई का भी स्थानीय लोगों ने जमकर जताया विरोध
अंबिकापुर. मैनपाट के कंडराजा व सपनादर में नए बाक्साइट खदान का विस्तार होना है। दोनों स्थानों पर बाक्साइट उत्खनन के लिए लीज निजी कंपनी मां कुदरगढ़ी स्टील प्राइवेट लिमिटेड को मिला है। इसका विरोध स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा है। सपनादर में खोले जा रहे बाक्साइट खदान (Mainpat bauxite mines) के लिए मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में जमकर हंगामा हुआ। जनसुनवाई में पहुंचे अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि बिना ग्रामसभा की सहमति के ही जनसुनवाई की जा रही है। प्रभावित लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं है। वहीं इससे पूर्व 30 नवंबर को कंडराजा बाक्साइट खदान के लिए जनसुनवाई की गई। यहां भी विरोध का सामाना करना पड़ा था।
मैनपाट के कंडराजा व सपनादर में बाक्साइट खदान के विस्तार के लिए निजी कंपनी मां कुदरगढ़ी स्टील प्राइवेट लिमिटेड को लीज मिला है। कंडराजा में 135 व सपनादर में 171 हेक्टेयर भूमि पर बाक्साइट (Mainpat bauxite mines) का खनन किया जाएगा। सपनादर खदान की स्वीकृति के लिए पर्यावरणीय जनसुनवाई मंगलवार को कमलेश्वरपुर में आयोजित की गई।
इसके लिए टेंट पंडाल के साथ ग्रामीणों को बैठने के लिए काफी संख्या में कुर्सी लगाई गई थी। लेकिन ग्रामीण टेंट के नीचे न बैठकर बाहर विरोध जताते रहे। जनसुनवाई में कुछ बाहरी लोग भी पहुंचे थे, जिन्होंने खनन के पक्ष में अपनी बात रखी।
इसे लेकर स्थानीय लोगों ने बाहरी लोगों का विरोध करते हुए हंगामा (Mainpat bauxite mines) किया और उन्हें बलपूर्वक खदेड़ दिया। इससे विवाद की स्थिति बन गई। पुलिस ने बीच-बचाव किया।
जिला पंचायत सदस्य रतनी नाग ने कहा कि निजी कंपनी द्वारा मैनपाट में बाक्साइट उत्खनन के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। बिना ग्रामसभा के जनसुनवाई पूरी तरह से अवैध है।
वहीं अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा कि ग्रामसभा की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है, जो प्रभावित लोग हैं, उन्हें पता ही नहीं है कि किस बात की जनसुनवाई हो रही है। पहले ग्रामसभा से अनापत्ति की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए।
इसके पहले 30 नवंबर को कंडराजा बाक्साइट खदान (Mainpat bauxite mines) के लिए पर्यावरणीय जनसुनवाई आयोजित की गई थी। यहां भी स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध जताया था। स्थानीय लोगों का मानना है कि बाक्साइट खदान से यहां की हरियाली पर असर पड़ेगा। पर्यटन को नुकसान पहुंचेगा।
इसलिए बाक्साइट खदान का विरोध किया जा रहा है। 30 नवंबर को नर्मदापुर में आयोजित जनसुनवाई में ग्रामीणों ने टेंट पंडाल भी उखाड़ दिया था। इसमें 95 प्रतिशत लोगों ने खदान के विरोध में अपना अभिमत दिया है।