MLA caste certificate case: जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा इससे पूर्व भी जारी किए जा चुके हैं 3 पत्र, इस बार 27 नवंबर को उपस्थित होने कहा गया
अंबिकापुर/राजपुर. प्रतापपुर विधानसभा की विधायक शकुन्तला सिंह पोर्ते (MLA caste certificate case) को उनके जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन प्रकरण में जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा चौथा पत्र 17 नवंबर को जारी किया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि विधायक 27 नवंबर को सुबह 11 बजे समिति के समक्ष उपस्थित होकर आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करें। इधर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने जाति प्रमाण पत्र मामले में कहा है कि यदि गलत जाति प्रमाण पत्र लगाया गया है तो निर्वाचन रद्द होना चाहिए।
जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा जारी पत्र (MLA caste certificate case) में उल्लेख है कि विधायक पोर्ते को जारी ‘गोंड’़ अनुसूचित जनजाति के स्थायी जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन संबंधी प्रकरण में आवेदक धन सिंह धुर्वे निवासी ग्राम नवगई द्वारा शिकायत प्रस्तुत की गई है।
साथ ही आवेदिका जयश्री सिंह पुसाम निवासी ग्राम गौरमाटी वाड्रफनगर द्वारा इस मामले में हाईकोर्ट में दायर याचिका में न्यायालय ने जिला प्रशासन को प्रकरण (MLA caste certificate case) में शीघ्र अभिलेख प्रस्तुत करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश जारी हैं।
समिति ने विधायक पोर्ते से कहा है कि वे जाति प्रमाण पत्र (MLA caste certificate case) जारी होने के आधारभूत दस्तावेजों की मूल प्रति, पूर्वजों के राजस्व अभिलेख, जन्म-मृत्यु पंजीयन, शालेय दाखिल-खारिज प्रमाण, निवास संबंधित अभिलेख तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज वे स्वयं अथवा अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्तुत कर सकती हैं।
बता दें कि इससे पूर्व भी विभाग द्वारा विधायक पोर्ते (MLA caste certificate case) को तीन पत्र क्रमश: 28 अगस्त, 15 सितंबर व 13 अक्टूबर को जारी किए जा चुके हैं। अब समिति द्वारा चौथा पत्र जारी किया गया है। दरअसल विधायक पर यह आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने पति की जाति के आधार पर चुनाव लड़ा था।
भाजपा विधायक शकुंतला पोर्ते की जाति प्रमाण पत्र मामले (MLA caste certificate case) में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि कई ऐसे जनप्रतिनिधि चुनकर आ गए हैं जिनकी जाति प्रमाण पत्र की बात सामने आ रही है।
इसकी जांच होनी चाहिए, जो जायज बात है, चाहे वे किसी भी दल को हों। जायज प्रतिनिधित्व के लिए जो समाज के वास्तव में उस श्रेणी के लोग हैं, उन्हीं को मौका मिलना चाहिए। अगर गलत प्रमाण पत्र किसी के पास है तो वो चुनाव रद्द होना चाहिए।