Motivational news: महिलाएं अपने-अपने घरों से बनाकर लाती है भोजन और सप्ताह में 3 दिन रातों को भूखे व जरूरतमंदों को करातीं हैं भोजन
अंबिकापुर. हम आए दिन अपने आसपास कई चीजों को देखते हैं। उनमें से कुछ चीजों की ओर हमारा ध्यान जाता है, हमारा मन भी करता है कि हम इस दिशा में कुछ करें लेकिन किसी न किसी वजह से नहीं कर पाते। वहीं कई लोग उन छोटी-छोटी चीजों को गंभीरता से लेते हैं और दृढ़ इच्छा शक्ति (Motivational news) के माध्यम से उस दिशा में काम भी करते हैं। ऐसा ही एक अहसास अंबिकापुर की समाज सेवी वंदना दत्ता को हुई। उन्हें लगा कि कई जरूरतमंदों को रात में भोजन नहीं मिल पाता है। इसके बाद उन्होंने भूखों को रात में खाना खिलाने की शुरुआत की। उनके इस कार्य में अन्य महिलाओं ने भी साथ दिया।
वंदना दत्ता 10 वर्ष पूर्व अपने घर से चावल-दाल व सब्जी बनाकर कंपनी बाजार ले गईं और भूखों को खाना खिलाया। इसके बाद यह सिलसिला (Motivational news) आज तक जारी है। धीरे-धीरे इस उत्तम कार्य के लिए महिलाओं की संख्या बढ़ती गई।
कई लोगों ने दूरियां भी बना लीं लेकिन आज भी महिलाएं स्वयं से भोजन बनाकर सप्ताह में तीन दिन भोजन कराती हैं। समाज सेवी वंदना दत्ता का मानना है कि कोई भी व्यक्ति रात्रि में भूखा पेट न सोए, इसलिए हम सभी बहनें जरूरतमंदों को भोजन कराने के लिए उत्साहित (Motivational news) रहती हैं।
वंदना दत्ता ने बताया कि इस कार्य का नाम रात्रिकालीन भोजन सेवा दिया गया है। इस कार्य में धीरे-धीरे महिला समाज सेवियों की संख्या संख्या बढक़र अब 20 हो गई हैं। महिलाओं द्वारा सप्ताह में 3 दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार की रात भोजन कराया (Motivational news) जाता है।
महिलाएं अपने-अपने घरों से कुछ न कुछ बनाकर लातीं हैं और कंपनी बाजार में रहने वाले जरूरतमंदों को पंगत में बैठाकर खिलातीं हैं। यह सिलसिला 20 मई 2015 से चलता आ रहा है।
समाज सेवी वंदना दत्ता का कहना है कि सेवा भावी बहनों द्वारा अपने-अपने घरों से विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट भोजन तैयार कर लाया जाता है और सप्ताह में 3 दिन जरूरतमंदों को भोजन कराया (Motivational news) जाता है। लगभग 50 लोगों को भोजन कराया जाता है। यह उत्तम कार्य कोविड काल के दौरान भी नहीं बंद हुए थे। उस समय अति आवश्यकता थी।