Online betting: पुलिस ने शहर के जय स्तंभ चौक स्थित निवास स्थान से ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले मास्टर माइंड सुधीर गुप्ता को दबोचा, छापे के दौरान हो गया था फरार
अंबिकापुर. विन बज पोर्टल के माध्यम से क्रिकेट मैच में ऑनलाइन सट्टा (Online betting) खिलाने वाले 4 सटोरिए को पुलिस ने सोमवार की रात शहर के जय स्तंभ चौक स्थित एक मकान से गिरफ्तार किया था। इस दौरान मेन बुकी सुधीर गुप्ता फरार हो गया था। पुलिस उसकी खोजबीन में जुटी थी। इसी बीच पुलिस ने मंगलवार की रात उसे उसके घर से ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बुधवार को उसे जेल भेज दिया है। गिरफ्तार सटोरियों के कब्जे से पुलिस ने 73 मोबाइल, 1 लाख 54 हजार 100 रुपए नकद, 77 सिम, 78 चेक बुक, टीवी सेट, सट्टा-पट्टी समेत 20 लाख का सामान बरामद किया है।
शहर के जय स्तंभ चौक निवासी सरगुजा साइकिल स्टोर के सामने वाली गली में रहने वाले सुधीर गुप्ता द्वारा क्रिकेट मैच में ऑनलाइन सट्टा (Online betting) खिलाए जाने की सूचना कोतवाली पुलिस को मुखबिर के जरिए मिली थी। सोमवार की रात पुलिस ने आरोपी को पकडऩे उसके निवास पर छापा मारा।
इस दौरान 3 युवक (Online betting) बिलासपुर चौक निवासी राहुल अग्रवाल उर्फ विक्की पिता प्रयागराज 27 वर्ष, महामाया रोड निवासी श्रीकांत अग्रवाल पिता स्व. बाबूलाल 46 वर्ष व चांदनी चौक मायापुर के शास्त्रीनगर निवासी राहुल कुमार सोनी पिता शंकर प्रसाद सोनी 23 वर्ष टीवी पर क्रिकेट लीग मैच देखते मिले। इस दौरान मेन बुकी सुधीर गुप्ता फरार हो गया था।
उनके पास से पुलिस ने 1 लाख 54 हजार रुपए नकद, 234 नग एटीएम कार्ड, 15 बैंकों के पास बुक, 78 चेक बुक, क्यूआर स्टैण्ड, मोबाइल, रजिस्टर समेत 20 लाख के सामान जब्त किए थे।
पूछताछ में तीनों (Online betting) ने शिकारी रोड निवासी अर्जुन गुप्ता पिता श्याम सुंदर गुप्ता 20 वर्ष के साथ मिलकर ऑनलाइन सट्टा खिलाने की बात स्वीकार की थी। इस पर पुलिस ने अर्जुन गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने मंगलवार को चारों को जेल भेज दिया था।
पुलिस के छापे के दौरान मुख्य सटोरिया (Online betting) सुधीर गुप्ता पिता रामलखन गुप्ता 38 वर्ष फरार हो गया था। उसे पकडऩे पुलिस ने मुखबिर तैनात किए थे। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि वह अपने घर पर ही छिपकर रह रहा है।
सूचना मिलते ही पुलिस ने मंगलवार की रात सुधीर गुप्ता को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम की धारा 7, 8 एवं 336(3), 338, 61(2) बीएनएस के तहत उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।