Political war: भाजपा सरगुजा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव राजनीतिक हताशा में भाजपा पर कर रहे अनैतिक भार व सामाजिक अन्याय जैसे शब्दों का प्रयोग
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में बिजली दरों को लेकर कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव द्वारा एक दिन पूर्व भाजपा पर लगाए गए आरोपों पर भाजपा सरगुजा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने पलटवार (Political war) किया है। उन्होंने कहा कि टीएस सिंहदेव द्वारा लगाए गए आरोप निराधार, भ्रामक और पूरी तरह से तथ्यों से परे हैं। भाजपा सरकार पर अनैतिक भार और सामाजिक अन्याय जैसे शब्दों का प्रयोग करना उनके राजनीतिक हताशा का प्रमाण है।
सिसोदिया ने कहा कि टीएस सिंह देव का मिथ्या आरोप (Political war) है कि बिजली की दरें बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में मात्र 1.89 प्रतिशत की मामूली वृद्धि की गई है जो देशभर में सबसे कम है।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सिर्फ 10-20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है, जो महंगाई दर से भी कम है। कृषि पंपों पर 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है, लेकिन किसानों (Political war) पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ा क्योंकि सब्सिडी पहले की तरह जारी है। उन्होंने कहा कि संसाधन राज्य में उपलब्ध होना केवल एक पक्ष है।
बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में हजारों करोड़ की लागत आती है। भाजपा सरकार ने इन क्षेत्रों में 9400 करोड़ से अधिक का निवेश किया है जिससे छत्तीसगढ़ आने वाले वर्षों में ऊर्जा सरप्लस राज्य बनने जा रहा है।
सिसोदिया ने कहा कि सिर्फ 0.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सिंहदेव ने अपनी पीठ (Political war) थपथपाई, लेकिन उसी दौरान घाटा 23.14 प्रतिशत तक पहुंच गया। भाजपा सरकार ने इन तकनीकी हानियों को घटाकर 13.79 प्रतिशत पर ला दिया है, जो पारदर्शिता और दक्षता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सभी बकायेदारों पर सख्ती की है।
विद्युत वितरण कंपनियों ने बड़े उद्योगों से क्लोज मॉनिटरिंग के तहत रिकवरी अभियान चलाया है। जबकि कांग्रेस सरकार के समय में ही अधिकांश बकाया बढ़े, लेकिन तब न तो वसूली हुई, न ही पारदर्शिता।
टीएस सिंहदेव के बयान डेढ़ साल में तीसरी बार वृद्धि (Political war) हुई को लेकर भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि बिजली दरों की समीक्षा हर वर्ष नियामक आयोग द्वारा होती है। ये कोई राजनीतिक फैसला नहीं, स्वायत्त संस्थान का निष्पक्ष निर्णय होता है। वृद्धि इतनी मामूली रही कि घरेलू बजट पर कोई असर नहीं पड़ा।
ऊर्जा-गहन उद्योगों को कुछ राहत दी गई है ताकि रोजगार निवेश और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हो। साथ ही प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत आम नागरिकों के लिए 1.08 लाख तक की सब्सिडी भी दी जा रही है, जिससे वे सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भर बन सकें।
उन्होंने (Political war) कहा कि कांग्रेस को जनता को गुमराह करने से पहले तथ्यों का अध्ययन करना चाहिए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन, वितरण, पारदर्शिता और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मॉडल बनने की ओर अग्रसर है।