अंबिकापुर

Sandeep murder case: 22वें दिन संदीप के शव का हुआ अंतिम संस्कार, 2 विधायक समेत प्रशासन व पुलिस बल की रही मौजूदगी

Sandeep murder case: 21 दिन से मरच्यूरी में पड़ा था मृतक संदीप लकड़ा का शव, मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा, पत्नी को कलेक्टर दर पर नौकरी व अन्य प्रस्ताव दिए जाने के बाद अंतिम संस्कार करने को राजी हुए थे परिजन

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Sandep dead body funeral

अंबिकापुर. Sandeep murder case: सरगुजा के बहुचर्चित संदीप लकड़ा हत्याकांड (Sandeep murder case) का मामला पिछले 22 दिनों से सुर्खियों में बना रहा। संदीप के परिजनों द्वारा मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी तक शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया गया था। वहीं सर्व आदिवासी समाज द्वारा 12 सितंबर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी बीच प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा, पत्नी को कलेक्टर दर पर नौकरी, दोनों बच्चों को हायर सेकेंडरी तक मुफ्त शिक्षा व अन्य मांगें माने जाने का प्रस्ताव दिए जाने के बाद परिजन अंतिम संस्कार को राजी हुए थे। ऐसे में शव मिलने के 22वें दिन संदीप के शव का अंतिम संस्कार किया गया।

सीतापुर के ग्राम बेलजोरा निवासी राजमिस्त्री संदीप लकड़ा की हत्या (Sandeep murder case) कर शव को पानी टंकी के फाउंडेशन में दफन कर दिया गया था। हत्या के 3 महीने बाद 6 सितंबर को पुलिस ने पानी टंकी को ढहाकर शव को बरामद किया था। इसके बाद से परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया था।

Sandeep body funeral

शासन स्तर से परिजनों व सर्व आदिवासी समाज द्वारा की जा रही मांगों पर समझौता होने के बाद संदीप के शव का अंतिम संस्कार किया गया। शनिवार की सुबह पुलिस वाहन से संदीप का शव (Chhattisgarh murder case) उसके गृहग्राम बेलजोरा पहुंचा।

यहां सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज, नायब तहसीलदार आरएस पैंकरा, सीतापुर थाना प्रभारी मोरध्वज देशमुख, बतौली थाना प्रभारी जेसी तिवारी, लुंड्रा थाना प्रभारी शिशिरकांत सिंह, सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी, मृतक के परिजनों व ग्रामीणों की उपस्थिति में शव का अंतिम संस्कार किया गया।

Sandeep murder case: लोगों का उमड़ा हुजूम

संदीप के शव का 22वें दिन गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार (Sandeep murder case) किया गया। इस दौरान काफी संख्या में समाज के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वहीं किसी भी विवाद की स्थिति को देखते हुए पुलिस बल की भारी मौजूदगी रही। हालांकि बिना विवाद के ही अंतिम संस्कार का कार्यक्रम संपन्न हुआ। इससे पूर्व विधायक द्वय, सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी व ग्रामीणों ने मृतक को श्रद्धांजलि दी।

Sandeep body funeral

पीडि़त परिवार को दी गई सुरक्षा

इधर सीतापुर विधायक ने मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय की गिरफ्तार नहीं होने तक पीडि़त परिवार को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई है। गौरतलब है कि संदीप हत्याकांड (Sandeep Lakra murder) के 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस उसकी खोजबीन में जुटी हुई है।

इन मांगों पर अंतिम संस्कार को हुए थे राजी

मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी, संदीप के परिजन को 2 करोड़ का मुआवजा व मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी सहित अन्य मांगों को लेकर संदीप का अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े थे। ऐसे में 27 सितंबर को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, अंबिकापुर, लुंड्रा, सीतापुर व प्रेमनगर विधायकों के साथ सर्व आदिवासी समाज के धरना स्थल पर पहुंचे थे।

Ministers and MLA reached protest place

यहां उन्होंने मृतक के परिजन को 25 लाख मुआवजा, पत्नी सलीमा लकड़ा को कलेक्टर दर पर नौकरी, दोनों बच्चों को हायर सेकेंडरी तक मुफ्त शिक्षा, शासन की अन्य योजनाओं का लाभ तथा मामले के दोषियों पर कार्रवाई का प्रस्ताव दिया। दो बार हुई चर्चा के बाद प्रस्ताव पर समझौता हुआ और वे संदीप के शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गए थे।

ये था मामला

गौरतलब है कि राजमिस्त्री दीपेश उर्फ संदीप लकड़ा (Sandeep murder case) की सीतापुर के ग्राम बेलजोरा निवासी ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने अपने 5 कर्मचारियों के साथ मिलकर छड़ व सीमेंट चोरी का आरोप लगाकर 7 जून को हत्या कर दी थी। इसके बाद 8 जून को उसका शव मैनपाट के लुरैना बड़वापाट स्थित पानी टंकी के फाउंडेशन के नीचे दफन कर दिया था।

Dead body found under the water tank

मृतक के परिजनों व सर्व आदिवासी समाज द्वारा पुलिस पर दबाव बनाए जाने के बाद 6 सितंबर को संदीप की लाश मिली थी। पुलिस घटना में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय अभी भी फरार है। इसकी गिरफ्तारी होने तक परिजन ने संदीप का शव (Sandeep murder case) लेने से इंकार कर दिया था, वहीं सर्व आदिवासी समाज ने भी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन सीतापुर में शुरू कर दिया था।

इस धरना प्रदर्शन को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया था। पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, सीतापुर के पूर्व विधायक एवं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत धरना स्थल पहुंचकर मामले में पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए थे।

इधर आईजी ने भी संदीप लकड़ा हत्याकांड (Sandeep murder case) मामले में लापरवाही बरतने पर तात्कालीन टीआई जॉन प्रदीप लकड़ा, विवेचक एसआई एसआर राय व आरक्षक रुपेश महंत को सस्पेंड कर दिया था। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है।

Published on:
28 Sept 2024 07:15 pm
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