Teak trees cutting: 4 साल पहले लगाए गए थे सागौन के पौधे, विभागीय उदासीनता की वजह से सैकड़ों की संख्या में पेड़ों की चढ़ गई बलि, देखने वाला कोई नहीं
अंबिकापुर. सरगुजा में वनभूमि पर लगे पेड़ों की कटाई कर अतिक्रमण करने व लकड़ी का तस्करी करने का खेल काफी लंबे समय से चल रहा है। वन विभाग की उदासीनता व मिलीभगत से यह खेल जिले में फल-फुल रहा है। अंबिकापुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत शहर से लगे ग्राम केशवपुर में सागौन (Teak trees cutting) का प्लांटेशन ठूंठ में बदल गया है। वन विभाग द्वारा करीब 4 वर्ष पूर्व ही 10 एकड़ भूमि पर सागौन के पौधे लगाए गए थे।
वनों को संरक्षित व विकसित करने के लिए शासन द्वारा कई उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण शासन का उद्देश्य पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। शासन के निर्देश पर हर वर्ष वन विभाग द्वारा वन भूमि सहित स्थानों पर बड़ी संख्या में पौधरोपण तो किया जाता है, लेकिन उसे बचाने में विभाग विफल (Teak trees cutting) साबित होता है।
4 वर्ष पूर्व अंबिकापुर वन मंडल द्वारा केशवपुर में लगभग 10 एकड़ वन भूमि पर सागौन के पौधे लगाए गए थे लेकिन वहां आज केवल ठूंठ दिखाई दे रहे हैं। लोग सागौन के सैकड़ों पेड़ की कटाई (Teak trees cutting) कर जंगल को खत्म कर दिया है।
ग्राम केशवपुर मेन रोड के बगल में सागौन की नर्सरी (Teak trees cutting) है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीट गार्ड व रेंजर की मिलीभगत से लोगों ने पेड़ों की कटाई कर ठूंठ में बदल दिया है। छोटे सागौन के पेड़ों की कटाई का उद्देश्य वन भूमि पर अतिक्रमण कराना है।
डीएफओ अभिषेक जोगावत का कहना है कि मीडिया द्वारा मामले (Teak trees cutting) को संज्ञान में लाया गया है। विषय की गंभीरता से देखते हुए जांच के लिए उप वन मंडलाधिकारी को जांच के लिए निर्देशित किया जाएगा। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।