अंबिकापुर

Tear gas fired by police: Video: अमेरा कोल माइंस विस्तार मामला: ग्रामीणों ने किया पथराव तो पुलिस ने लाठीचार्ज के बाद छोड़े आंसू गैस के गोले

Tear gas use by police: कोल माइंस की जमीन पर कब्जा दिलाने प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मौके पर मौजूद, 500 से अधिक पुलिसकर्मी मौके पर तैनात

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Tear gas fired by police on villagers (Photo- Video grab)

अंबिकापुर। अमेरा कोल माइंस विस्तार को लेकर ग्राम परसोड़ी कला में तनाव का माहौल है। कोल माइंस कंपनी को जमीन पर कब्जा दिलाने प्रशासन व पुलिस के अधिकारी बुधवार को पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों ने जमीन देने से इनकार करते हुए पुलिस पर पथराव शुरु कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज (Tear gas fired by police) किया तथा अंत में भीड़ को तितर-बितर करने आंसू गैस के गोले छोड़े। ग्रामीणों के पथराव में एएसपी, टीआई समेत 2 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी जहां घायल हो गए हैं, वहीं लाठीचार्ज व पुलिस की ओर से फेंके गए पत्थर में ग्रामीण भी घायल हुए हैं। फिलहाल प्रशासन ग्रामीणों से बातचीत कर हालात पर काबू पाने का प्रयास कर रही है।

Villagers stone pelting on policemen (Photo- Video grab)

गौरतलब है कि अमेरा कोल माइंस एक्सटेंशन को लेकर पिछले कई महीने से परसोड़ीकला के ग्रामीणों व एलसीसी ठेका कंपनी के बीच संघर्ष (Tear gas fired by police) जारी है। दरअसल एसईसीएल द्वारा एलसीसी कंपनी को ठेका दिया गया है। ठेका कंपनी द्वारा अब खदान विस्तार के लिए जमीन की खुदाई कर कोयला निकालने का काम शुरु किया जा रहा है। इसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि बिना भूमि अधिग्रहण किए ही कोयला निकाला जा रहा है। जबकि यह बात सामने आ रही है कि खदान विस्तार के लिए वर्ष 2016 में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। लेकिन अब तक करीब 20 प्रतिशत ग्रामीणों ने ही जमीन का मुआवजा (Tear gas fired by police) लिया है।

जबकि अधिकांश ग्रामीण व किसान मुआवजा लेने से इनकार कर रहे हैं। वहीं हर वर्ष हो रहे करोड़ों के नुकसान को देखते हुए ठेका कंपनी अब प्रशासन व पुलिस के मार्फत जमीन खाली कराना चाह रही है। इसी कड़ी में बुधवार को प्रशासन व पुलिस की टीम जमीन पर कब्जा दिलाने मौके पर पहुंची थी।

ग्रामीणों ने जमकर किया पथराव

पुलिस की भारी-भरकम संख्या को देखते हुए ग्रामीण भी काफी संख्या में मौके पर मौजूद थे। ग्रामीण किसी भी हालत में कोल उत्खनन के लिए जमीन देने को तैयार नहीं हैं। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाइश दी, लेकिन वे नहीं माने। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे पूर्वज इस पर खेती करते आए हैं, अब क्या हम अपनी जमीन कोयला निकालने के लिए दे दें। हमारे बेटे और नाती-पोते कहां जाएंगे।

Policemen and villagers (Photo- Patrika)

मामला तनावपूर्ण होने के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई तो ग्रामीणों ने पथराव शुरु कर दिया। लाठी-डंडे, टांगी व गुलेल से उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला किया। जवाब में पुलिस ने भी लाठियां (Tear gas fired by police) भांजीं। दोनों ओर से 40 से अधिक लोग घायल हो गए। धौरपुर टीआई को सिर में गंभीर चोट आने पर अंबिकापुर अस्पताल रेफर किया गया है।

Tear gas fired by police: पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले

ग्रामीणों के उग्र रूप को देखते हुए पुलिस ने उन्हे तितर-बितर करने आंसू गैस (Tear gas use by police) के गोले छोड़े। यह देख ग्रामीण वहां से भागने लगे। इसके बाद पुलिस ने उस जगह को अपने कब्जे में ले लिया। इधर मामले में अपर कलेक्टर सुनील नायक का कहना है कि ग्रामीणों से बातचीत हुई है, वे इसमें सहयोग देने की बात कह रहे हैं।

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Published on:
03 Dec 2025 06:33 pm
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