अमरोहा

सामूहिक विवाह योजना में बड़ा बदलाव: अब फेरे से पहले दूल्हा-दुल्हन की होगी बायोमीट्रिक उपस्थिति, फर्जी रजिस्ट्रेशन पर शिकंजा

Amroha News: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अब दूल्हा-दुल्हन की बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। समारोह में जिलाधिकारी की उपस्थिति भी जरूरी होगी।

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Nov 22, 2025
सामूहिक विवाह योजना में बड़ा बदलाव: AI Generated Image

Mass marriage biometrics verification in Amroha: यूपी के अमरोहा में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हाल ही में सामने आई फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद योजना में बड़े बदलाव किए गए हैं। अब विवाह समारोह में दूल्हा और दुल्हन की बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। इसके तहत प्रत्येक जोड़े की पहचान तकनीक के माध्यम से सत्यापित की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या धोखाधड़ी की संभावना समाप्त की जा सके।

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जिलाधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य

नए नियमों के अनुसार अब प्रत्येक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जिलाधिकारी की उपस्थिति भी जरूरी होगी। इस पहल का उद्देश्य योजना में पारदर्शिता बढ़ाना और लाभार्थियों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत लाभ लेने वाले पात्रों तक ही सुविधाएं पहुंचे, इसके लिए तकनीक का प्रयोग कर सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।

विवाह समारोह का प्रबंधन और उपहार सामग्री

विवाह स्थल पर वर-वधू दोनों की बायोमेट्रिक हाजिरी के साथ-साथ समारोह में दी जाने वाली उपहार सामग्री, जलपान और भोजन के मानक तय किए जाएंगे और उनका कड़ाई से पालन कराया जाएगा। यदि किसी भी स्तर पर फर्जीवाड़ा या अनियमितता पकड़ में आती है, तो संबंधित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी।

आवेदन और पात्रता की जाँच

इस वर्ष अमरोहा जिले में सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने के लिए 850 से अधिक युवतियों ने आवेदन किया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा प्रत्येक आवेदन की जाँच-पड़ताल की जा रही है। पात्रों को ही योजना का लाभ मिलेगा और अपात्रों के आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे। पंचायत और पालिका स्तर पर जांच के बाद जिला स्तरीय अधिकारी भी सत्यापन प्रक्रिया में शामिल होंगे।

सरकार की ओर से विवाह खर्च

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह का सारा खर्च सरकार की ओर से उठाया जाएगा। इस बार योजना के तहत विवाह समारोह में खर्च की राशि को भी बढ़ाया गया है। समाज कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया कि सत्यापन पूरा होने के बाद ही विवाह का आयोजन किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना न रहे।

सीडीओ अश्विनी कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले में शासन के आदेश का पूर्ण अनुपालन कराया जाएगा और योजना में किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस नई प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि योजना का लाभ केवल पात्र परिवारों तक पहुंचे और सामूहिक विवाह कार्यक्रम पूरी तरह सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी तरीके से संपन्न हों।

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