Amroha News: अमरोहा में बढ़ती ठंड के बीच 24 घंटे के भीतर दो युवा कारोबारियों को हार्ट अटैक आ गया, जिन्हें गंभीर हालत में मेरठ और दिल्ली रेफर किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक सर्दी, बढ़ता ब्लड प्रेशर और लाइफस्टाइल इसके पीछे बड़ी वजह बन रहे हैं।
Heart attack cases in winter Amroha: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में ठंड बढ़ते ही हार्ट अटैक के मामलों में चिंताजनक इजाफा देखने को मिल रहा है। बीते 24 घंटे के भीतर जिले के दो अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले युवा कारोबारियों को अचानक दिल का दौरा पड़ गया। आनन-फानन में परिजनों ने दोनों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया, जहां से उनकी गंभीर हालत को देखते हुए बड़े शहरों के लिए रेफर कर दिया गया।
बृहस्पतिवार की रात जोया क्षेत्र के रहने वाले रेडीमेड कपड़ा कारोबारी नूरुल खान (40) दुकान से घर लौटने के बाद आराम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ और वह जमीन पर गिर पड़े। घबराए परिजनों ने तत्काल उन्हें अमरोहा-जोया रोड स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से डॉक्टरों ने गंभीर हालत में मेरठ रेफर कर दिया।
नूरुल खान की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है। परिवार में पत्नी साजिया और दो छोटे बच्चे हैं। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि आसपास के लोग लगातार उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं।
दूसरी घटना नौगांवा सादात क्षेत्र की है, जहां जैकेट कारोबारी असद अब्बास (34) को भी हार्ट अटैक आ गया। परिजनों के अनुसार, असद किसी काम से मुरादाबाद गए थे और रात करीब नौ बजे घर लौटे थे। खाना खाने के बाद वह अपने कमरे में चले गए थे, तभी अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई।
सीने में तेज दर्द होने पर असद अब्बास कमरे से बाहर निकले, लेकिन दरवाजे पर पहुंचते ही जमीन पर गिर पड़े। आहट सुनकर परिजनों की नींद खुली। पत्नी सबीना के शोर मचाने पर आसपास के लोग भी जमा हो गए और उन्हें तत्काल कस्बे के निजी अस्पताल ले जाया गया।
निजी अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने असद अब्बास की गंभीर हालत को देखते हुए दिल्ली रेफर कर दिया। फिलहाल वह दिल्ली के निजी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है। परिवार में पत्नी सबीना और बेटा नूर अब्बास हैं।
दिसंबर के तीसरे सप्ताह में ठंड बढ़ने के साथ ही दिल, बीपी और अस्थमा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जिला अस्पताल में रोजाना औसतन 11 हार्ट के मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। बीते 20 दिनों में कुल 223 दिल के मरीज अस्पताल में पंजीकृत हो चुके हैं।
जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चरन सिंह के अनुसार, पहले दिल की बीमारी 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब 25 से 30 वर्ष के युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं। ठंड के मौसम में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
डॉक्टरों के अनुसार, सर्दी में ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है, जिससे दिल पर अधिक दबाव पड़ता है। नसें सिकुड़ने लगती हैं और दिल तक रक्त पहुंचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे सीने में दर्द, सांस फूलना, पसीना आना और दिल की धड़कन तेज होने जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन मरीजों को डायबिटीज की बीमारी है, उनमें हार्ट अटैक का दर्द कई बार महसूस नहीं होता। ऐसे में स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है, इसलिए ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है।
दिल से पीड़ित लोगों को सुबह के समय मॉर्निंग वॉक से बचना चाहिए। रात में भारी भोजन न करें, नमक और चिकनाई कम लें और हार्ड एक्सरसाइज से परहेज करें। हल्की-फुल्की या एरोबिक एक्सरसाइज को प्राथमिकता दें।