Amroha News: अमरोहा में शिक्षिका द्वारा फर्जी गर्भपात अवकाश लेकर वेतन प्राप्त करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने शिक्षा विभाग के सात अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। यह कार्रवाई RTI कार्यकर्ता मनु शर्मा की शिकायत पर की गई है। जांच की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपी गई है।
Investigation ordered against seven education officers in Amroha: यूपी के अमरोहा में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ओमपाल सिंह ने शिक्षा विभाग के सात अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। यह कार्रवाई आरटीआई एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मनु शर्मा एडवोकेट की शिकायत पर की गई है। जांच की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपी गई है।
मामले में शिक्षिका वर्षा गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने 4 जुलाई से 14 अगस्त 2016 तक बिना किसी चिकित्सीय दस्तावेज के फर्जी गर्भपात अवकाश लिया और पूरे 42 दिन का वेतन भी प्राप्त कर लिया। बीईओ जोया ने इस मामले की जानकारी 23 फरवरी 2022 को दी थी।
जांच में सामने आया कि शिक्षिका को मात्र प्रार्थनापत्र और शपथपत्र के आधार पर अवकाश स्वीकृत कर दिया गया। सीडीओ की जांच में पाया गया कि तत्कालीन बीएसए, बीईओ जोया, विभागीय लिपिक और अन्य कर्मचारी लापरवाही के दोषी हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर शिक्षिका को बिना दस्तावेजों के वेतन सहित अवकाश स्वीकृत किया। वहीं वर्तमान बीएसए मोनिका पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय संरक्षण देते हुए मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
अब जिलाधिकारी द्वारा की जाने वाली विस्तृत जांच में यह साफ होगा कि किन-किन अधिकारियों की लापरवाही या मिलीभगत इस प्रकरण में शामिल रही है।