MP News: बीपीसीएल एमपी के इस गांव में 100 करोड़ रुपए से कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाएगी। मंजूरी मिल चुकी है, जिससे क्षेत्र में उद्योग और रोजगार की नई लहर दौड़ेगी।
BPCL Biogas Plant: अशोकनगर के सेमरखेड़ी गांव में बीपीसीएल 100 करोड़ रुपए लागत से कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाएगी। इसे शासन से हरी झंडी मिल गई है। अब विभाग में कागजी प्रक्रिया शुरु हो गई है। इससे जिले में पहला औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने की संभावना बढ़ गई है और इसके शुरु होने से क्षेत्र को रोजगार मिलेगा। बीना रिफाइनरी नजदीक होने से जिले के मुंगावली विकासखंड के सेमरखेड़ी गांव में बीपीसीएल ने प्लांट के लिए जगह चिंहित कर ली है।
उद्योग विभाग के मुताबिक बीपीसीएल के अधिकारी निरीक्षण करके जगह पर सहमति दे चुके हैं। अब नवकरणीय ऊर्जा विभाग में प्लांट से संबंधित कागजी प्रक्रिया कंपनी की शुरू हो गई है और शुल्क जमा करने के स्तर तक मामला पहुंच गया है। कंपनी जल्दी ही शुल्क जमा कराने की तैयारी में है। संभावना है कि छह से आठ महीने में सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद निर्माण शुरु हो सकेगा। (mp news)
उद्द्योग विभाग के महाप्रबंधक के मुताबिक यह कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट पूरी तरह से एग्रीकल्चर वेस्ट पर आधारित है। इससे प्लांट किसानों से एग्रीकल्चर वेस्ट खरीदेगा, तो किसानों को एग्रीकल्चर वेस्ट को खत्म करने परेशान नहीं होना पड़ेगा और उससे क्षेत्र के किसानों की अतिरिक्त आय शुरु हो जाएगी। साथ ही एग्रीकल्चर वेस्ट को आग लगाने की समस्या भी क्षेत्र में खत्म हो जाएगी।
सेमरखेड़ी गांव में बीपीसीएल ने प्लांट की स्वीकृति दे दी है और नवकरणीय ऊर्जा विभाग में कंपनी का काम शुल्क स्तर तक पहुंच गया है। इससे छह से आठ महीने में सभी प्रक्रियाएं पूर्ण होकर काम शुरु होने की संभावना है। इससे क्षेत्र को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।- सत्येंद्र लोधा, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र अशोकनगर
औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से उद्योग विभाग ने जिले के चार नए स्थानों पर 385.495 हेक्टेयर जमीन का औद्योगिक क्षेत्र के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन प्रस्तावित में से 142 हेक्टेयर जमीन औद्योगिक क्षेत्र के लिए चिन्हित कर औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के नाम पर ट्रांसफर हो चुकी है। जिसमें चंदेरी के बढ़ेरा गांव में 40 हेक्टेयर, मुंगावली के मर्दनखेड़ी में 9 हेक्टेयर, सेमरखेड़ी में 12 हेक्टेयर और मल्हारगढ़ में 81 हेक्टेयर जमीन है। इसका कारण अधिकारियों के मुताबिक कई जगहों पर वन भूमि को बताया है, क्योंकि मर्दनखेड़ी गांव में 192 हेक्टेयर जमीन का औद्योगिक क्षेत्र को देने का प्रस्ताव था लेकिन वनभूमि होने से 9 हेक्टेयर ही दी। (mp news)