धन, विवाह और वैवाहिक जीवन में मिलने वाले धोखे का गहरा संबंध राहु, बुध, चंद्रमा और बृहस्पति से है। सही पूजा, ग्रह शांति और सावधानी से धोखे से बचा जा सकता है।
जीवन में धोखा मिलना केवल संयोग नहीं होता, इसके पीछे कुंडली के ग्रह और भाव बड़ी भूमिका निभाते हैं। ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति को जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों—धन, विवाह और वैवाहिक जीवन—में धोखा मिल सकता है। अगर समय रहते इन योगों को समझ लिया जाए, तो धोखे से बचाव भी संभव है।
धोखा मुख्य रूप से कुंडली के छठे, सातवें और आठवें भाव से जुड़ा होता है। धोखा दिलाने वाला सबसे प्रमुख ग्रह राहु (Rahu) माना जाता है। इसके अलावा कमजोर या दूषित चंद्रमा (Moon) और बुध (Mercury) भी व्यक्ति को भ्रम, गलत निर्णय और धोखे की ओर ले जाते हैं।
जिनकी कुंडली में बृहस्पति (Jupiter) या शुक्र (Venus) मजबूत होता है, वे अक्सर धोखे से सुरक्षित रहते हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा धोखा पैसे और लेन-देन के मामलों में मिलता है। अगर कुंडली में बुध खराब हो, तो धन संबंधी धोखा निश्चित माना जाता है। कभी-कभी खराब मंगल के कारण कर्ज या उधार में धोखा मिलता है।
मेष, सिंह, धनु, वृषभ, कन्या और मकर राशि वालों को धन के मामलों में विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
उपाय:
अगर कुंडली में राहु का संबंध सप्तम भाव या शुक्र से बनता है, तो विवाह में धोखे की संभावना रहती है। कई बार विवाह से पहले सच छुपाया जाता है, जो बाद में परेशानी बनता है।
राहु का संबंध सूर्य या चंद्रमा से भी विवाह में भ्रम और धोखा देता है।
उपाय:
यदि शुक्र या चंद्रमा दूषित हों, या राहु लग्न/द्वादश भाव में बैठा हो, तो वैवाहिक जीवन में धोखे की आशंका बढ़ जाती है। कमजोर बृहस्पति भी बार-बार विश्वासघात के योग बनाता है।
उपाय:
रोज सुबह सूर्य भगवान को जल अर्पित करें और उसके बाद Hanuman Chalisa का पाठ करें। इससे राहु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और मानसिक शक्ति बढ़ती है।