Navgrah Astrology in Hindi : नवग्रह का जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। सूर्य से शनि तक कौन सा ग्रह देता है धन, सफलता और सुख, और कौन बनता है दुख का कारण? जानिए नवग्रहों का असर, पूजा और उपाय विस्तार से।
Navgrah Astrology in Hindi : हमारे यहां नवग्रह यानी नौ ग्रह का बड़ा महत्व है। ये ग्रह आपके जीवन के अलग-अलग हिस्सों को छूते हैं। ज्योतिष के मुताबिक, हर ग्रह में अपनी एक खास ताकत होती है, जो आपके स्वभाव, किस्मत और फैसलों पर असर डालती है। वैदिक ज्योतिष कहता है कि किसी इंसान की क्षमता या भविष्य इन ग्रहों की स्थिति से तय होता है। अगर ग्रह सही जगह हैं तो अच्छे नतीजे मिलते हैं, गलत जगह बैठे तो मुश्किलें भी आ सकती हैं। अक्सर लोग अपनी किस्मत सुधारने के लिए इन ग्रहों की पूजा करते हैं। नवग्रहों का असर समझना जरूरी है, क्योंकि ये आपकी जिंदगी की दिशा बदल सकते हैं। चलिए, एक-एक करके जानते हैं इनका किरदार और असर। (Graha Shanti Upay)
सूर्य, यानी भगवान सूर्य, सात घोड़ों वाले रथ पर चलते हैं। ये सात घोड़े हफ्ते के सात दिन और रोशनी के सात रंगों का इशारा करते हैं। आमतौर पर इन्हें पूर्व दिशा में, बाकी ग्रहों के बीच, खड़ा दिखाते हैं।
अगर आप रोज़ सुबह सूर्य को जल चढ़ाते हैं, तो आपकी एनर्जी, आत्मविश्वास और सेहत में फर्क साफ दिखेगा।
चंद्रमा को सोम भी कहा जाता है। ये दस घोड़ों के रथ पर सवार रहते हैं। चंद्रमा के घटने-बढ़ने की वजह से, इन्हें आमतौर पर सिर्फ ऊपरी शरीर और दोनों हाथों में कमल पकड़े दिखाया जाता है।
अगर आप हर पूर्णिमा पर व्रत रखते हैं और ‘ॐ चंद्राय नमः’ का जाप 108 बार करते हैं, तो मन शांत होता है और दिमाग साफ चलता है।
देवताओं के गुरु – बृहस्पति – हमेशा पीले रंग और ज्ञान के प्रतीक माने जाते हैं। इन्हें आठ घोड़ों वाले रथ पर दिखाया जाता है, और हर घोड़ा किसी खास क्षेत्र की समझ को दर्शाता है।
भगवान विष्णु और केले के पेड़ की पूजा करने से बृहस्पति की ऊर्जा मिलती है। इससे आपके ज्ञान और समझ में इजाफा होता है।
राहु का कोई शरीर नहीं, सिर्फ सिर है, और इन्हें छाया ग्रह कहते हैं। इनकी छवि सांप के सिर जैसी है। राहु को आमतौर पर नकारात्मक माना जाता है, क्योंकि ये तामसिक इच्छाओं और भौतिक लालसाओं से जुड़े हैं।
रोज़ भगवान शिव का अभिषेक करने से राहु की दिक्कतें कम होती हैं।
बुध को आप कभी शेर पर, तो कभी रथ पर सवार देखेंगे। इनके चार हाथ—तीन में गदा, तलवार, ढाल, और चौथा आशीर्वाद की मुद्रा में।
अगर आप बच्चों को खिलौने या स्टेशनरी दान करते हैं, तो बुध की कृपा बनी रहती है।
शुक्र, राक्षसों के गुरु, आठ घोड़ों के रथ पर चलते हैं। इनके तीन हाथों में छड़ी, माला और सोने का बर्तन, चौथा हाथ आशीर्वाद में।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से शुक्र मजबूत होता है और जीवन में सुख-संपत्ति आती है।
केतु भी छाया ग्रह है, लेकिन इसका शरीर नहीं, सिर्फ सांप की पूंछ जैसी आकृति है। केतु आध्यात्मिकता, ज्ञान और मानसिक शक्ति का प्रतीक है। ये भौतिक सुख में अड़चन डाल सकता है, लेकिन आत्मा को गहराई देता है।
अगर आप रोज़ योग-ध्यान करते हैं या कभी-कभी तीर्थ यात्रा पर जाते हैं, तो केतु का असर संतुलित रहता है।
शनि, यानी कर्म और न्याय के देवता। कभी रथ, कभी भैंस, तो कभी गिद्ध पर सवार दिखाए जाते हैं। एक हाथ आशीर्वाद में, बाकी तीर, धनुष और भाला पकड़े हुए।
हर शनिवार शनि मंदिर जाइए और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाइए—इससे मुश्किलें हल्की होती हैं।
मंगल, आग और गुस्से के प्रतीक हैं। इनके चार हाथों में दो में हथियार, बाकी दो आशीर्वाद और वरदान देने के लिए। इनका वाहन मेढ़ा है।
अगर आप रोज़ हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो मंगल की वजह से होने वाली परेशानियां कम होती हैं और हिम्मत बढ़ती है।
इन नौ ग्रहों का असर हर दिन, हर पल आपके साथ चलता है। इन्हें समझना और इनकी पूजा करना आपकी किस्मत को एक नई दिशा दे सकता है।