Margashirsha Purnima Supermoon : 4 दिसंबर 2025 की मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Supermoon) एक दुर्लभ योग है। जानें राशि के अनुसार कौन सी एक चीज (भावनात्मक बोझ या आदत) आपको अभी छोड़नी है, ताकि 2026 में किस्मत और समृद्धि का साथ मिले। (मेष से मीन तक)।
Margashirsha Purnima Supermoon 2025 : 2025 की आखिरी पूर्णिमा, 4 दिसंबर को, एक बेहद खास सुपरमून लेकर आ रही है। यह रात इमोशन की सफाई, आत्मा की सच्चाई और पुराने कर्मों को खत्म करने का मौका देती है। इस बार तो छह ग्रह पानी की राशियों में हैं, इसलिए खुद से ईमानदारी से सवाल पूछने और बीते साल की बोझिल चीजों को पीछे छोड़ने का वक़्त आ गया है। हर राशि के लिए यही इशारा है जो भी अब आपके काम का नहीं, उसे छोड़ दें और 2026 की शुरुआत हल्के मन से करें।
4 दिसंबर, 2025 की यह पूर्णिमा साधारण नहीं है। सुपरमून (Margashirsha Purnima Supermoon) है मतलब आम चांद से 7% बड़ा और 16% ज्यादा चमकदार। इस रात दिल, दिमाग और आत्मा पर साफ-साफ असर दिखेगा। ये वक़्त है बीते साल की थकान, पछतावे और भारीपन को पीछे छोड़ने का। अपने भीतर की गहराई में झांको, जो बोझ अब तक ढो रहे थे, उन्हें उतार फेंको और 2026 में बिल्कुल नई एनर्जी के साथ कदम रखो।
ये चांद एक तरह से ‘रीसेट बटन’ की तरह है मन, दिल और आत्मा सबके लिए। ऐसा मौका साल में एक बार आता है, और भगवद गीता में भी इस पूर्णिमा का जिक्र है।
इस बार छह ग्रह पानी के साइन में हैं। माहौल बहुत इमोशनल और स्पिरिचुअल हो गया है। जुपिटर कर्क में रेट्रोग्रेड है, तो पुराने कर्म और इमोशन की परतें खुलती हैं। शनि मीन में डायरेक्ट है, इसलिए सच को स्वीकारने और खुद को सुधारने का वक्त भी है। सूर्य, शुक्र और मंगल स्कॉर्पियो में हैं, तो दबे-छुपे इमोशन बाहर आ रहे हैं। नेपच्यून भी शनि के साथ मीन में है, जिससे इंट्यूशन और हीलिंग का असर ज्यादा गहरा है।
इसके साथ ही, टॉरस में चांद और यूरेनस की केमिस्ट्री इमोशनल स्टेबिलिटी और अचानक समझ की रोशनी लेकर आती है। कुल मिलाकर, ये रात गहराई से खुद को देखने, कुछ पुराने पैटर्न या रिश्ते छोड़ने और दिल से हल्का होने का मौका देती है।
हर चीज़ पर कंट्रोल रखने की जिद छोड़ो। अब खुद को इतना टाइट मत पकड़ो। हर लड़ाई अभी और यहीं जीतनी जरूरी नहीं। कभी-कभी चीजों को बहने दो। सबकुछ खुद ठीक करने की कोशिश में खुद को थकाओ मत।
पुरानी, सख्त इमोशनल आदतें और रिश्ते जो आगे नहीं बढ़ने दे रहे, उन्हें जाने दो। जिन चीजों में फंसकर खुद को सुरक्षित समझते हो, लेकिन आगे बढ़ ही नहीं पा रहे है अब उनसे आजाद हो का समय है।
हर बात को दिमाग में घुमा-घुमा कर परेशान मत हो। क्या कहा, क्या नहीं कहा, क्या किया या नहीं किया अब इसे छोड़ो। थोड़ी देर के लिए दिमाग को शांत रहने दो देखो, सोच कितनी साफ हो जाती है।
दूसरों का इमोशनल बोझ उठाने की आदत छोड़ो। जो गिल्ट, पुरानी जिम्मेदारियां और बीती चोटें हैं, उन्हें जाने दो। अब वक्त है अपने मन को हल्का करने का जो यादें चैन छीन लेती हैं, उनसे आजाद हो जाओ।
खुद को हर वक्त परफेक्ट दिखाने का प्रेशर छोड़ो। लोग क्या सोचेंगे, इस चिंता में मत उलझो। अपनी असली पहचान के साथ फिर से जुड़ो किसी की मंजूरी का इंतजार मत करो।
खुद पर हर वक्त सवाल उठाना, नामुमकिन टारगेट बनाना। अब इसे छोड़ दो। हर चीज में गलती ढूंढने और सब कुछ जानने की जरूरत नहीं। खुद के साथ थोड़ा नरमी बरतो, इमोशन को बहने दो।
वो रिश्ते, पैटर्न या आदतें जो बार-बार खुद को खोने पर मजबूर करती हैं, छोड़ दो। दूसरों को खुश करने के चक्कर में अपनी पहचान मत गंवाओ। अब तय करो कि तुम्हें असल में क्या अच्छा लगता है। संतुलन खुद ही मिल जाएगा।
वो इंटेंस इमोशन जो बस दर्द देते हैं, अब छोड़ो। गुस्सा, छुप-छुप कर रहना, और कमजोर पड़ने से डरना इन सबका वक्त गया। हल्की, भरोसेमंद बातचीत के लिए जगह बनाओ।
जिससे सामना करना चाहिए, उससे बचते रहना बंद करो। इमोशन से भागना, मन की बातों को टालना अब नहीं चलेगा। खुद से ईमानदारी से मिलो, सच्चाई से नज़र मिलाओ।
पुरानी उम्मीदों का बोझ और इमोशनल दीवारें गिराने का समय है। सबकुछ खुद ही करना है, इस डर को छोड़ो। आज आराम करो, दिल खोलो अपना बोझ हल्का करो।
दूसरों से दूर-दूर रहने की आदत और इमोशनल दूरी छोड़ो। हर बात को जरूरत से ज्यादा सोचने और गहरे रिश्तों से भागने की आदत छोड़ो। अपने रिश्तों में गर्मी और गहराई वापस लाओ खुद से फिर जुड़ो।
मन में बैठे पुराने ज़ख्म, झूठी उम्मीदें और वो आदतें जो तुम्हारी एनर्जी को खत्म कर देती हैं। अब इन्हें जाने दो। लिमिट तय करो, और अपनी स्पिरिचुअल ताकत लौटाओ।
बस, इस सुपरमून की रात खुद से सच्चे रहो जो भी तुम्हारे लिए अब सही नहीं, उसे छोड़ने का ये सबसे अच्छा मौका है।