सफला एकादशी पर मां द्वारा किया गया यह सरल उपाय संतान के जीवन से नकारात्मकता दूर कर सफलता के मार्ग खोल सकता है। पढ़ाई, करियर और जीवन की बाधाओं से जूझ रहे बच्चों के लिए यह उपाय अत्यंत प्रभावी माना गया है।
15 दिसंबर यानी आज सफला एकादशी है। हिंदू धर्म में इस एकादशी को विशेष फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और नियम से किए गए उपाय जीवन में रुके हुए कार्यों को गति देते हैं। खासतौर पर अगर यह उपाय मां अपने बेटे या बेटी के लिए करे, तो इसके प्रभाव और भी अधिक माने जाते हैं।
सफला एकादशी का अर्थ ही है – सफलता देने वाली एकादशी। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से बिगड़े काम बनने लगते हैं। यदि संतान बार-बार असफल हो रही हो, मेहनत के बावजूद आगे नहीं बढ़ पा रही हो या बुद्धि भ्रमित हो गई हो, तो यह उपाय लाभकारी माना जाता है।
अगर आपकी मां जीवित हैं, तो यह उपाय जरूर मां से ही करवाएं। संतान की उम्र चाहे 20 हो या 40–45 वर्ष, यह उपाय सभी के लिए समान रूप से प्रभावी माना जाता है।
-एक साफ कपड़ा या सफेद कागज
-थोड़ा सा नमक
-11 लौंग
-1 हरी इलायची
-3 तेज पत्ते
-सभी सामग्री कपड़े या कागज में रखें और अच्छे से लपेट लें।
-मां इस पोटली को अपने बेटे या बेटी के ऊपर से 11 बार उतारें।
-उतारते समय इस मंत्र का जाप करें –
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः”
-इसके बाद किसी कंडे (उपले) पर या गैस चूल्हे की आंच पर इस पोटली को जला दें।
-संतान के ऊपर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है
-जलन, बाधा और किया-कराया प्रभाव खत्म होता है
-पढ़ाई, परीक्षा और करियर में सफलता मिलती है
-भटकी हुई बुद्धि सही दिशा में आती है
-घर में ग्रोथ और सकारात्मक माहौल बनता है
-उपाय श्रद्धा और विश्वास के साथ करें
-मां शांत मन से यह प्रक्रिया पूरी करें
-सफला एकादशी के दिन व्रत और सादगी शुभ मानी जाती है