सोने का तरीका व्यक्ति के स्वभाव, मानसिक स्थिति और ग्रहों के प्रभाव को दर्शाता है। सही पोज़िशन और दिशा अपनाकर न सिर्फ नींद बेहतर की जा सकती है, बल्कि मानसिक संतुलन और जीवन की दिशा भी सुधारी जा सकती है।
आप जिस तरह से सोते हैं, वह सिर्फ आपकी नींद की आदत नहीं होती, बल्कि आपके मन, व्यक्तित्व और भाग्य के बारे में भी बहुत कुछ बताती है। तो आइए जानते हैं आपके सोने की पोजिशन का आपके ग्रहों से क्या संबंध है और किस पोजिशन में सोने का क्या मतलब होता है।
पंडित शैलेंद्र पांडे के अनुसार, जब व्यक्ति जागता है तो उसका भौतिक शरीर काम करता है, लेकिन जब वह सोता है तो मन और चंद्रमा सक्रिय होते हैं। यही कारण है कि सोने की स्थिति से व्यक्ति की आंतरिक मानसिक स्थिति और चल रहे समय का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जो लोग करवट लेकर सिकुड़कर सोते हैं, उन पर शनि या शुक्र का प्रभाव होता है। ऐसे लोग भावनात्मक होते हैं, अपने दुख दूसरों से साझा नहीं करते, लेकिन धन और नाम के मामले में भाग्यशाली होते हैं। हालांकि प्रेम संबंधों में इन्हें सावधानी रखनी चाहिए।
हाथ-पैर फैलाकर सोने वाले लोग मंगल या सूर्य प्रधान होते हैं। ये लोग जिद्दी होते हैं और चीजें जबरदस्ती हासिल करना चाहते हैं। वाणी पर नियंत्रण कम होता है, लेकिन दिल के साफ होते हैं। ऐसे लोगों को रिश्तों की कद्र करना सीखनी चाहिए।
जो लोग बिना करवट बदले सीधे लेटकर सोते हैं, उन पर सूर्य और शनि का मिश्रित प्रभाव होता है। ये अनुशासनप्रिय होते हैं, समाज में सम्मान पाते हैं, लेकिन पारिवारिक जीवन में चुनौतियां और अचानक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
तकिया पकड़कर या किसी का हाथ पकड़कर सोने वाले लोग चंद्रमा प्रधान होते हैं। ये भावनात्मक, दयालु और धन के मामले में सौभाग्यशाली होते हैं, लेकिन मानसिक चिंता जल्दी पकड़ लेती है।
जो लोग तुरंत सो जाते हैं, उन पर शुक्र का प्रभाव माना जाता है। ऐसे लोग आरामप्रिय होते हैं, जीवन में संतुलन बनाए रखते हैं और कई बार आध्यात्मिक मार्ग की ओर भी मुड़ जाते हैं।
पंडित जी के अनुसार, पूर्व या दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोना शुभ होता है। उत्तर दिशा में सिर रखकर सोने से बचना चाहिए।