धर्म/ज्योतिष

Lunar Cycle Effect : चंद्र चक्र का गहरा असर: क्या चांद सचमुच इंसानों और जानवरों के व्यवहार को प्रभावित करता है?

Lunar Cycle Effect: क्या चांद सिर्फ समुद्र के ज्वार-भाटा को ही नियंत्रित करता है? पबमेड स्टडी और भगवद्गीता के अनुसार, चंद्र चक्र (Lunar Cycle) इंसानों और जानवरों के व्यवहार, हार्मोन्स, नींद और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। जानें विज्ञान और हिंदू शास्त्रों का इस रहस्यमयी संबंध पर क्या कहना है।

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Nov 23, 2025
Lunar Cycle Effect on Human and Animal : क्या चांद सचमुच इंसानों और जानवरों के व्यवहार को प्रभावित करता है? (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Scientific and Spiritual Effects of the Lunar Cycle : क्या पूर्णिमा वाली रात आपको नींद नहीं आती या फिर अमावस्या पर मन उदास रहता है? तो इन सबका कनेक्शन चांद के चक्र से भी है, क्योंकि चांद जो रात का राजा है। चांद समुद्र की लहरों पर ही असर नहीं डालता है, बल्कि हम सबके जीवन, भावनाओं और शरीर पर भी असर डालता है। चंद्र कला (The lunar cycle) का असर एक रहस्यमयी सब्जेक्ट है, जो कि हमेशा से ही विज्ञान और हिंदू शास्त्रों में चर्चा का विषय बना रहता है। पबमेड की रिपोर्ट से इसका इलाज में होने वाले इस्तेमाल का भी पता चलता है, और दूसरी तरफ गीता जैसे ग्रंथ इसे आध्यात्मिकता वाला नजरिया देते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या चांद का इंसानों और पशुओं के व्यवहार व शरीर पर गहरा असर पड़ता है, और साथ ही पबमेड जर्नल के एक स्टडी और भगवद्गीता जैसे हिंदू ग्रंथों के रिफरेन्स को भी देखेंगे।

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क्या है चंद्र कला और इसके बीच साइंस व प्रकृति का संबंध

चंद्र कला या चंद्र चक्र को लूनर साइकिल भी कहा जाता है। क्योकि दिन में चांद अलग- अलग चरणों में होता है जो कि न्यू मून, फर्स्ट क्वार्टर, फुल मून, लास्ट क्वार्टर का 29.5 दिनों का चक्र है, और ये चरण मौसमी और सर्कैडियन लय (circadian rhythms) के साथ जुड़े होते हैं। यह ज्वार-भाटा को कंट्रोल करता है पर साथ ही हमारे और अन्य जीवों की जैविक घड़ी (biorhythms) पर भी असर डालता है।

अलग- अलग चरणों का असर

अमावस्या (New Moon)

  • अमावस्या वाले दिनों को नई शुरुआत मानी जाती है लेकिन कभी-कभी यह उदासी या फिर एनर्जी में कमी का कारण भी बन जाता है।

कृष्ण पक्ष (Waning Moon)

  • कृष्ण पक्ष के कारण अकेलापन बढ़ जाता है और यह वक्त बस आराम करने का वक्त होता है।

पूर्णिमा (Full Moon)

  • पूर्णिमा के दिन एनर्जी हाई होती है, लेकिन इसके कारण नींद में कमी या खराबी भी होती है।

शुक्ल पक्ष (Waxing Moon) 

  • माना जाता है कि शुक्ल पक्ष के समय एनर्जी बढ़ने के साथ ही क्रिएटिविटी में भी बढ़ जाती है।

इंसानों के रिप्रोडक्शन और बिहेवियर पर असर

वैज्ञानिक स्टडी से पता चलता है कि चंद्र चक्र का इंसानों पर शारीरिक और मानसिक दोनो तरीकों से असर पड़ता है। जैसे कि रिप्रोडक्शन और हार्मोन्स में चेंज आना। पूर्णिमा के आसपास के दिनों में रिप्रोडक्शन के चांस बढ़ जाते हैं और अमावस्या के समय में पीरियड्स साइकिल भी इधर- उधर हो सकता है। इसके साथ ही मेलाटोनिन जो कि नींद का हार्मोन है, वो भी डिस्टर्ब होता है और सोने में दिक्कत आती है।

हेल्थ और इमरजेंसी

स्टडी में पाया गया है कि चंद्र के अलग - अलग चरणों में होने से दिल की बीमारी , आंतों में ब्लीडिंग, दस्त और यूरीन रिटेंशन जैसी हेल्थ प्रोब्लेम्स के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संख्या बढ़ जाती है। दूसरे दुर्घटनाएं भी बढ़ती हैं जैसे कि ट्रैफिक दुर्घटनाएं ज्यादातर पूर्णिमा के दौरान ध्यान कम देने से बढ़ती है।

जानवरों पर भी दिखता है असर

इस चंद्र चक्र का असर बस इंसानों तक ही सीमित नहीं है, इसका असर जानवरों पर भी दिखता है। कुछ स्टडी से पता चलता है कि यह प्राचीन विकास (phylogenesis) में हार्मोनल चेंज को इफेक्ट करता है। जैसे कि, कीट के शुरुआती डेवलपमेंट में हार्मोन्स में बदलाव, पछी में पूर्णिमा के दिनों में मेलाटोनिन और कोर्टिकोस्टेरोन कम या गायब भी हो जाते हैं। चूहे के टेस्ट सेंसिटिविटी और पीनियल ग्लैंड की बनावट में भी बदलाव आता है।

गीता और हिंदू शास्त्र

हिंदू धर्म में चांद को सोम भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा भावनाओं, जल तत्व और मानसिक स्वास्थ्य को कंट्रोल करता है। इसके साथ ही चंद्रमा का मन पर भी ज्यादा असर होता है जो कि प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है। चंद्र चरण की तारीखों के अनुसार पूजा-अनुष्ठान करके दशा को बदला या फिर संतुलित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए भगवद्गीता के दसवें अध्याय के 21वें श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि "आदित्यानामहं विष्णुर्ज्योतिषां रविमण्शुमान्। किरणामस्मि भास्वनां मरुतामस्मि नलकूबरः। जिसका मतलब है कि "मैं ही सूर्य की रोशनी और गर्मी हूं, मैं ही चंद की रोशनी और ठंडक हूं क्योंकि मैं हर जगह मौजूद हूं।

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Published on:
23 Nov 2025 07:32 pm
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