अयोध्या

Ayodhya Parikrama: अयोध्या की ऐतिहासिक चौदह कोसी परिक्रमा का शुभारंभ: प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली परिक्रमा में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

Ayodhya Parikrama: चौदह भुवनों के दर्शन का पुण्य देने वाली अयोध्या की परिक्रमा; श्रद्धालुओं को मिल रही है बैकुंठ की अनुभूति, मुख्यमंत्री योगी ने किए खास प्रबंध।

3 min read
Nov 09, 2024
अयोध्या की प्रतिष्ठित चौदह कोसी परिक्रमा का शुभारंभ

Ayodhya Parikrama: अयोध्या की प्रतिष्ठित चौदह कोसी परिक्रमा का शुभारंभ इस शनिवार को हो रहा है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी के दिन शाम 6:32 बजे से शुरू हुई यह परिक्रमा 10 नवंबर को शाम 4:45 बजे समाप्त होगी। इस पावन परिक्रमा का खास महात्म्य है, जिसमें श्रद्धालुओं को चौदह भुवनों के भ्रमण का पुण्य फल मिलता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस परिक्रमा से भक्तों को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस वर्ष, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली परिक्रमा है, इसलिए उत्साह कई गुना बढ़ गया है। Experience Divine: Ayodhya 14-Kosi Parikrama, Offering Spiritual Bliss and Blessings of 14 Heavenly Realms

Ayodhya Parikrama 

अयोध्या को सप्त पुरियों में एक विशेष स्थान प्राप्त है और भगवान विष्णु का पर्व इसे विशिष्ट बनाता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति चौदह कोसी परिक्रमा में शामिल होता है, उसे सभी 14 लोकों के भ्रमण का पुण्यफल मिलता है। अयोध्या का परिक्रमा मार्ग 45 किमी का है, जिसमें श्रद्धालु भगवान राम की जन्मस्थली से लेकर वैकुंठ वापसी के गुप्तहरि घाट तक के स्थानों का भ्रमण करते हैं।

रामायण काल से चली आ रही इस परंपरा का पौराणिक महत्व भी असीम है। रामचरितमानस में इस महत्ता का उल्लेख किया गया है। श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद अयोध्यावासियों ने रामराज्य का सुख पाया था, और तभी से यह उत्सव कार्तिक मास में विशेष रूप से मनाया जाता है। यह पर्व जप, तप, ध्यान, और योग की श्रृंखला का एक हिस्सा है, जो अयोध्या में रामनवमी के समय से शुरू होकर दशहरा, दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा स्नान तक चलता है।

इस वर्ष प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में यह पहली परिक्रमा है, जिससे भक्तों में एक विशेष भावना और उल्लास देखा जा रहा है। पिछले वर्ष लगभग 25 लाख श्रद्धालुओं ने इस परिक्रमा में भाग लिया था और इस बार प्राण-प्रतिष्ठा के वर्ष में संख्या में और इजाफा होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर को भव्य बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

हनुमानजी यहां के राजा माने जाते हैं, जो इस तीर्थ को और भी विशेष बनाते हैं। अयोध्या की चौदह कोसी परिक्रमा भक्तों को वैकुंठ का अनुभव देने वाला पर्व है और इस धार्मिक यात्रा से आत्मा को परमात्मा से मिलन का मार्ग भी मिलता है। इस विशेष परिक्रमा में शामिल होने से पिछले जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

Also Read
View All

अगली खबर