अयोध्या

Ayodhya: नौतपा में बदला रामलला का खान-पान, अब पी रहे जूस, पहन रहे सूती कपड़े

Ayodhya: अयोध्या में अधिकतम तापमान 41°C पहुंच गया है। नौतपा की वजह से अयोध्या में रामलला की सेवा में बदलाव किया गया है। रामलला को अब रोज दही या लस्सी के साथ फलों का भोग लगाया जा रहा है। 

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May 28, 2024
Ayodhya

Ayodhya: नौतपा के चलते तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है। ऐसे में रामनगरी के मंदिरों में विराजमान भगवान की दिनचर्या भी बदल गई है। राम मंदिर में विराजमान बालक राम के राग-भोग में बदलाव कर दिया गया है। उन्हें भोग में दही और फलों का जूस दिया जा रहा है। शीतल आरती हो रही है। सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं।

नौतपा में रामलला के राग-भोग में बदलाव

राम मंदिर में रामलला पांच साल के बालक के रूप में विराजमान हैं। इसलिए ठंडी और गर्मी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। राम मंदिर के पुजारी प्रेमचंद्र त्रिपाठी ने बताया, “इस समय चूंकि नौतपा चल रहा है और गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है। इसलिए रामलला को भोग में शीतल व्यंजन दिए जा रहे हैं। उन्हें सूती वस्त्र पहनाए जा रहे हैं।” 

सुबह पहले दीपों से आरती होती थी, अब चांदी की थाली में चारों तरफ फूल बिछाकर आरती की जाती है। भोग में उन्हें सुबह और शाम दही दी जाती है। इसके अलावा फलों का जूस और लस्सी का भी भोग लगता है। भोग में मौसमी फल भी शामिल किए जाते हैं।

लक्ष्मण किला में विराजमान ठाकुर और किशोरी जी को गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह में एसी लगाई गई है। मंदिर के अधिकारी सूर्य प्रकाश शरण बताते हैं, “भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद माना जाता है कि उनमें प्राण हैं। इसीलिए भोग, श्रृंगार व विश्राम की व्यवस्था की जाती है। इसी मान्यता के चलते भगवान की मौसम के हिसाब से सेवा भी की जाती है। भगवान को इस समय खीरा, सत्तू, दही सहित शीतलता प्रदान करने वाले व्यंजनों का भोग अर्पित किया जा रहा है।”

रामनगरी के अन्य मंदिरों में भी भगवान को गर्मी से बचाने के हो रहे उपाय

मंदिरों में गर्भगृह में लगाए गए हैं कूलर व एसी सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी में भी गर्मी के मौसम में हनुमान जी महाराज के लिए कूलर की व्यवस्था की गई है। श्री राम वल्लभा कुंज और हनुमान बाग में गर्भगृह में एसी लगाई गई है। सियाराम किला झुनकी घाट के महंत करुणा निधान शरण ने बताया, “मंदिर में विराजमान युगल सरकार को गर्मी से बचाने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं। आरती के लिए फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह रामनगरी के अन्य मंदिरों में भी भीषण गर्मी के चलते राग भोग की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है।”

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