अयोध्या

 Ayodhya Shines Bright: 1 सौ दीप, 21 सौ महिलाएं- सरयू तट बनेगा आस्था का प्रतीक

Ayodhya Divine Light : मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या आज फिर रचेगी इतिहास। सरयू तट पर 21 सौ मातृशक्तियाँ, संस्कृत विद्यार्थी और वंचित समाज के लोग मिलकर मां सरयू की सामूहिक आरती करेंगे। दीपों की ज्योति और वैदिक मंत्रों से गूंजता सरयू तट आज आस्था, एकता और संस्कृति का प्रतीक बनेगा।

4 min read
Oct 19, 2025
21 सौ मातृशक्तियाँ करेंगी सरयू आरती, आस्था और संस्कृति का बनेगा नया कीर्तिमान (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Ayodhya Saryu Aarti:  मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या आज फिर एक बार इतिहास रचने जा रही है। पावन सरयू तट पर आज शाम पांच बजे का समय साक्षी बनेगा उस अद्भुत क्षण का, जब 21 सौ मातृशक्तियाँ, संस्कृत के विद्यार्थी और वंचित समाज के लोग मिलकर मां सरयू की सामूहिक आरती करेंगे। यह आयोजन केवल श्रद्धा का प्रतीक नहीं, बल्कि विश्व रिकॉर्ड की नई गाथा के रूप में इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रहा है।

पिछले वर्ष अयोध्या ने 1151 श्रद्धालुओं के साथ सामूहिक सरयू आरती कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित कराया था। इस वर्ष वह संख्या लगभग दोगुनी होने जा रही है। जिला प्रशासन, नगर निगम और वशिष्ठ फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों से यह आयोजन और भी भव्य और दिव्य रूप लेने जा रहा है।

आस्था और संगठन का संगम बनेगा सरयू तट

फाउंडेशन की सचिव राजलक्ष्मी तिवारी ने बताया कि आयोजन स्थल को अभूतपूर्व रूप से सजाया गया है। नया घाट से लेकर लक्ष्मण घाट तक फैले आरती स्थल को 11 जोनों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जोन में लगभग 200 प्रतिभागी खड़े होकर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सामूहिक रूप से मां सरयू की आरती करेंगे।

 तिवारी ने बताया कि आयोजन में भाग लेने वाली सभी महिलाओं को पारंपरिक परिधान पहनने का आग्रह किया गया है, जिससे मातृशक्ति की भव्यता और भी मनोहारी लगेगी। “हमने हर जोन में अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए हैं, जो सुरक्षा, समन्वय और अनुशासन सुनिश्चित करेंगे। आयोजन में संस्कृत के विद्यार्थी, सामाजिक कार्यकर्ता, और वंचित समाज के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे,” उन्होंने कहा। मातृशक्ति की इस सामूहिक सहभागिता से न केवल नारी शक्ति का सम्मान झलकेगा, बल्कि यह आयोजन अयोध्या की सांस्कृतिक समरसता और सामाजिक एकता का भी संदेश देगा।

दीपों से आलोकित होगा सरयू तट

इस आयोजन से पूर्व 17 अक्टूबर को भव्य दीपदान और पूर्वाभ्यास संपन्न किया गया था। अब जब आज शाम 21 सौ दीप एक साथ प्रज्ज्वलित होंगे, तो पूरा सरयू तट सुनहरी आभा से दमक उठेगा। आरती के समय वैदिक ऋचाओं का स्वर, नदी की लहरों की गूंज और दीपों की ज्योति मिलकर ऐसा अलौकिक वातावरण रचेंगे, जो हर श्रद्धालु के हृदय में स्थायी छाप छोड़ जाएगा। कार्यक्रम के दौरान मां सरयू की विशेष आरती थाली, जिसमें पीतल के दीप, पुष्प, चंदन और अक्षत सजाए गए हैं, प्रत्येक प्रतिभागी को दी जाएगी। आरती के बाद सामूहिक रूप से ‘ओम् सूर्याय नमः’ और ‘जय मां सरयू’ के जयघोष से वातावरण गूंज उठेगा।

महापौर बोले -यह अयोध्या की आत्मा का उत्सव है

महापौर महंत गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि सरयू आरती का यह आयोजन दीपोत्सव की भव्यता में नया आयाम जोड़ेगा। उन्होंने कहा, “यह केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि अयोध्या की आस्था, संस्कृति और एकता का उत्सव है। जब मातृशक्ति, विद्यार्थी और समाज के सभी वर्ग एक साथ मां सरयू की आरती करेंगे, तो यह दृश्य पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति की गहराई और समरसता का संदेश देगा।” आगे कहा कि इस बार आयोजन को पर्यावरण-संवेदनशील भी बनाया गया है। उपयोग में लाए जाने वाले सभी दीप मिट्टी के होंगे, जिससे किसी प्रकार का प्रदूषण न हो। साथ ही सरयू जल की स्वच्छता बनाए रखने के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं।

सुरक्षा और व्यवस्था की पुख्ता तैयारी

भव्य आयोजन को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की है। 11 जोनों में 500 से अधिक पुलिसकर्मी और स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी और नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था की है। निगम की ओर से घाटों की सफाई, प्रकाश व्यवस्था और मार्ग संकेतक लगाए गए हैं। महिला प्रतिभागियों के लिए अलग मार्ग और विश्राम क्षेत्र बनाए गए हैं, ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो।

अयोध्या के जन-जन में उमंग और उत्साह

सुबह से ही सरयू तट पर भक्तों की आवाजाही बढ़ गई है। स्थानीय दुकानदारों ने दीप, पुष्प मालाएं और धार्मिक प्रतीक चिन्हों की विशेष सजावट की है। अयोध्या के मंदिरों में भी इस आयोजन को लेकर विशेष पूजन-अर्चना का दौर जारी है।

राम की पैड़ी, हनुमानगढ़ी और कनक भवन जैसे प्रमुख स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। लोग अपने परिवारों के साथ मां सरयू की आरती देखने की तैयारी में हैं। कई श्रद्धालु तो सुबह से ही घाटों पर बैठकर अपनी जगह सुरक्षित कर रहे हैं। अयोध्या की सड़कों पर “जय श्रीराम, जय मां सरयू” के जयघोष गूंज रहे हैं। बच्चों से लेकर वृद्धों तक सभी के चेहरों पर उत्साह और श्रद्धा का उजास झलक रहा है।

विश्व रिकॉर्ड की ओर एक और कदम

वशिष्ठ फाउंडेशन की सचिव राजलक्ष्मी तिवारी ने बताया कि इस वर्ष 21 सौ मातृ शक्तियों द्वारा सामूहिक आरती किए जाने की सूचना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम को भेजी गई है। आयोजन की वीडियोग्राफी, उपस्थिति सूची और प्रमाणपत्रों को रिकॉर्ड के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य केवल रिकॉर्ड बनाना नहीं है, बल्कि अयोध्या की पहचान को उसके सांस्कृतिक गौरव से जोड़ना है। जब महिलाएं, विद्यार्थी और आमजन एक साथ आरती करेंगे, तो यह दृश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।”

अयोध्या का आकाश गूंजेगा श्रद्धा की ज्योति से

सांध्य बेला में जैसे ही सूर्य अस्त होगा और दीप प्रज्वलित होंगे, सरयू तट पर हजारों दीपों का प्रतिबिंब लहरों में झिलमिलाएगा। वैदिक मंत्रों की गूंज, घंटियों की ध्वनि और मातृशक्ति की सामूहिक आरती से अयोध्या का हर कोना श्रद्धा से सराबोर हो उठेगा। दृश्य न केवल धार्मिक भावनाओं को उद्वेलित करेगा, बल्कि यह भी दर्शाएगा कि अयोध्या केवल आस्था की नगरी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवंत आत्मा है।

ये भी पढ़ें

Ayodhya Deepotsav 2025: 26 लाख दीपों से जगमगाएगी रामनगरी: अयोध्या में आस्था, उत्साह और रोशनी का महासंगम, देखें तस्वीरें

Also Read
View All

अगली खबर