Ayodhya14 Kosi Parikrama: 14 कोसी परिक्रमा में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, सुरक्षा और सेवा के पुख्ता इंतजाम, अयोध्या का धार्मिक इतिहास एक नए अध्याय की ओर बढ़ा।
Ayodhya14 Kosi Parikrama: अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात पहली बार आयोजित हो रही 14 कोसी परिक्रमा ने एक ऐतिहासिक रूप ले लिया है। 2024 की यह परिक्रमा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक खास अनुभव है, बल्कि यह आयोजन उन 500 वर्षों के इंतजार का प्रतीक भी है, जिसका सपना हर सनातन प्रेमी देखता आया है। लाखों की संख्या में देश-विदेश से आए भक्त "जय श्रीराम" के गगनभेदी नारों के साथ अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुरक्षा और सेवा की दृष्टि से प्रशासन ने इस आयोजन को भव्य और सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। पूरे परिक्रमा मार्ग पर जगह-जगह कैंप लगाए गए हैं जहां भक्तों के लिए निःशुल्क जलपान, भोजन, चाय, चिकित्सा, और विश्राम स्थलों की व्यवस्था की गई है। विभिन्न सामुदायिक और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भी सेवाएं दी जा रही हैं ताकि हर भक्त की यात्रा सरल और सुविधाजनक हो सके।
लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की है। विशेष पुलिस बल तैनात किया गया है और ड्रोन के माध्यम से पूरे मार्ग की निगरानी की जा रही है। इस प्रकार की व्यवस्था से श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल में परिक्रमा करने का मौका मिल रहा है।
इस परिक्रमा में विविध राज्यों से आए भक्तों का जुटना भारतीय संस्कृति की एकता और श्रद्धा का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। यह आयोजन सनातन संस्कृति, राम भक्ति और लोक आस्थाओं का सजीव संगम है। भक्तों का उत्साह, उनकी श्रद्धा और उनके द्वारा गाए जाने वाले भक्ति गीत पूरे माहौल को राममय बना रहे हैं।
प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली 14 कोसी परिक्रमा: 2024 में लाखों भक्तों की उपस्थिति में ऐतिहासिक आयोजन।
उत्तम व्यवस्थाएं: दवाई, भोजन, जल, चाय और विश्राम के लिए नि:शुल्क कैंप जगह-जगह।
अयोध्या में सुरक्षा: सुरक्षा के लिए प्रशासन की कड़ी निगरानी और ड्रोन से निगरानी।
संस्कृति का अद्भुत संगम: देश-विदेश से आए भक्तों द्वारा श्रद्धा और प्रेम का प्रदर्शन।
14 कोसी परिक्रमा में सम्मिलित होकर भक्त न केवल प्रभु श्रीराम के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं, बल्कि अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति अपनी निष्ठा को भी अभिव्यक्त कर रहे हैं। सनातन धर्म के मानने वालों के लिए यह एक भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव है, जो उन्हें अयोध्या की पावन भूमि से जोड़ता है।