अयोध्या

भगवान जगन्नाथ की तबीयत हुई खराब, त्यागा अन्न और जल, पी रहे काढ़ा

Lord Jagannath Sick: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से पहले उनकी तबीयत खराब हो गई है। इस दौरान उन्हें एक खास काढ़ा पिलाया जा रहा है।

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Jun 30, 2024
Lord Jagannath Sick

Lord Jagannath Sick: अयोध्या रामनगरी में रथयात्रा महोत्सव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। रथयात्रा रामनगरी में सात जुलाई को परंपरागत ढंग से निकाली जाएगी। उधर, हर साल की तरह इस साल भी भगवान जगन्नाथ आषाढ़ कृष्ण अष्टमी 28 जून से देव स्नान कराने के बाद से बीमार चल रहे हैं। उन्होंने अन्न और जल त्याग दिया है। उनका प्राकृतिक उपचार किया जा रहा है।

रामनगरी में दर्जनों मंदिरों से भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकालने की परंपरा है। कई मंदिरों में अनुष्ठान शुरू भी हो गए हैं। राम कचहरी मंदिर, चारों धाम, जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा उत्सव को लेकर आयोजन हो रहे हैं। करीब तीन सौ साल पुराने राम कचहरी मंदिर में भगवान कृष्ण, बलभद्र और सुभद्रा विराजमान हैं।

भगवान को लग रहा काढ़े का भोग

मंदिर के महंत शशिकांत दास बताते हैं कि इन दिनों भगवान बीमार चल रहे हैं। इसलिए मंदिर का पट बंद कर पुजारी पथ्य के रूप में भगवान को सुबह-शाम बाल भोग में काढ़ा और राजभोग में खिचड़ी प्रस्तुत करते हैं। भगवान को स्वस्थ रखने की ही कामना से गर्भगृह के सम्मुख वैदिक आचार्यों की ओर से महा मृत्युंजय मंत्र का जप एवं रुद्राभिषेक भी किया जा रहा है। यह सिलसिला आषाढ़ कृष्ण चतुर्दशी यानी पांच जुलाई तक चलेगा।

7 जुलाई को भ्रमण के लिए निकलेंगे भगवान

मान्यता के अनुसार भगवान आषाढ़ अमावस्या तक बीमार रहते हैं भगवान आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा को स्वस्थ होंगे। उन्हें इस उपलक्ष्य में स्नान कराया जाएगा और नई पोशाक धारण कराई जाएगी। अगले दिन यानी आषाढ़ शुक्ल द्वितीया (सात जुलाई ) वह रथ पर सवार हो भ्रमण के लिए निकलेंगे। रामनगरी की रथयात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर की रथ यात्रा के अनुरूप भव्यता की संवाहक होती है।

इसलिए 15 दिन के एकांतवास में रहते हैं भगवान

भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी को 108 घड़ों के जल से स्नान कराया जाता है। इस स्नान को सहस्त्रधारा स्नान के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि 108 घड़ों के ठंडे जल स्नान के कारण जगन्नाथ जी, बड़े भाई बलराम और छोटी बहन सुभद्रा तीनों बीमार हो जाते हैं। ऐसे में वे एकांतवास में चले जाते हैं। जब तक वे तीनों एकांतवास में रहेंगे, मंदिर के कपाट नहीं खुलेंगे। ठीक होने के बाद जब तीनों बाहर आते हैं तब भव्य यात्रा निकाली जाती है। इस रथयात्रा में देश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं।

Updated on:
01 Jul 2024 04:39 pm
Published on:
30 Jun 2024 10:57 am
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