अयोध्या

Milkipur By-Election 2025: मिल्कीपुर सीट पर भाजपा की नजरें, पांचवीं बार भगवा लहराने की तैयारी

Milkipur By-Election 2025: मिल्कीपुर सीट पर भाजपा 4 बार जीत का परचम लहरा चुकी है। इस चुनाव में भाजपा पांचवी बार जीत की तैयारी में लगी हुई है। वहीं, सपा 6 बार इस सीट को जीत चुकी है।

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Jan 22, 2025
बीजेपी का झंडा ( प्रतिकात्मक फोटो - पत्रिका)

Milkipur By-Election 2025: 1967 के चुनाव से पहले, मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र दो हिस्सों में विभक्त था। मिल्कीपुर और हैरिंग्टनगंज क्षेत्र पश्चिमी राठ के नाम से गठित विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा थे, जबकि अमानीगंज क्षेत्र सोहावल के मगलसी के नाम से गठित विधानसभा क्षेत्र में आता था। 1962 में जनसंघ ने मिल्कीपुर क्षेत्र से पहली बार चुनाव जीतकर भगवा झंडा लहराया। उस समय पश्चिमी राठ सीट से पंडित हरिनाथ तिवारी और मगलसी सीट से धूम प्रसाद जनसंघ के उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए थे।

1967 में मिल्कीपुर में हुआ पहला चुनाव

1967 में मिल्कीपुर विधानसभा सीट में आई, और कांग्रेस के रामलाल मिश्र इस सीट से विधायक बने। दो साल बाद विधानसभा भंग होने के बाद 1969 में फिर से आम चुनाव हुए, जिसमें भारतीय जन संघ ने मिल्कीपुर सीट पर अपना कब्जा जमा लिया।

1974 से 2022 तक 2 बार जीती भाजपा

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हरिनाथ तिवारी के विधायक बनने के बाद, 1974 से 1989 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का शासन रहा। भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद, 1991 में मथुरा प्रसाद तिवारी ने भाजपा के प्रत्याशी के रूप में राम लहर में तीसरी बार भगवा परचम लहराया। इसके बाद, इस सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने भी जीत दर्ज की। 2017 में मोदी-योगी लहर के तहत, गोरखनाथ बाबा ने चौथी बार भगवा फहराया, लेकिन 2022 में समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर फिर से कब्जा जमा लिया।

मिल्कीपुर सीट पर 6 बार जीत दर्ज कर चुकी है सपा

मिल्कीपुर सीट के अस्तित्व में आने के बाद से इस सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने चार बार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने तीन बार, समाजवादी पार्टी ने छह बार और बहुजन समाज पार्टी ने एक बार जीत हासिल की है। 2022 में विधायक बने अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई।

मिल्कीपुर में त्रिकोणीय मुकाबला

बसपा के उप चुनाव न लड़ने और कांग्रेस के सपा को समर्थन देने के बाद, अब भाजपा-सपा और आजाद समाज पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। सपा-भाजपा ने नए चेहरों पर दांव खेला है, भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने सांसद के पुत्र अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है। वहीं, आजाद समाज पार्टी ने सपा के बागी सूरज चौधरी को टिकट दिया है।

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