राणा सांगा को लेकर हो रही सियासी बयानबाजी ने नया मोड़ ले लिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी से एक खास गुजारिश की है। आइए बताते हैं अखिलेश यादव ने क्या कहा ?
राणा सांगा को लेकर 21 मार्च 2025 दिन शुक्रवार को राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन ने विवादित बयान दिया था। बयान के बाद सियासी घमासान मच गया था। भाजपा से लेकर करणी सेना तक सपा पर हमलावर थें। अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपना ‘इट्स मैच्योर मैन’ वाली छवि दिखाई है।
आजमगढ़ में अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "मैं पार्टी में यही कहूंगा कि इतिहास से जुड़ा कोई सवाल नहीं करें क्योंकि इतिहास में हर तरह की बातें होती हैं। सुनने में आ रहा है कि जब से रामजी लाल सुमन का बयान आया है, लोग इतिहास के पन्ने पलट रहे हैं, लोग इतिहास जानना चाहते हैं। मेरा कहना है कि अगर इतिहास की बातें हमें सकारात्मक दिशा न दे सकें तो हमें इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए और उस पर चर्चा नहीं करनी चाहिए।"
आंबेडकर जयंती के मौके पर आगरा के सपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में रामजीलाल सुमन ने कहा कि गड़े मुर्दे मत उखाड़ो। तुम कहते हो हर मस्जिद के नीचे मंदिर है तो हमें यह कहना पड़ेगा कि हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ है। हमारे देश में तीन सेनाएं है अब हमारे बीच नई सेना पैदा हो गई। उन्होंने कहा कि करणी सेना को देश की सरहद पर जाकर रक्षा करनी चाहिए और चीन से देश को बचाना चाहिए। यह लड़ाई उन लोगों से है जो हिंदुस्तान के मुसलमान को बाबर की औलाद कहते हैं।
राज्यसभा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने 21 मार्च को कहा था, ‘भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था।