बहराइच में भेड़ियों के हमलों से फैली दहशत पर मुख्यमंत्री ने सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए अधिकारियों को पक्के घर, दरवाजे और शौचालय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।
बहराइच जिले में दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में भेड़ियों के गांवों में घुसकर लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। इसलिए जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन ग्रामीण परिवारों के पास अभी तक पक्के मकान नहीं हैं। उन्हें जल्द आवास उपलब्ध कराया जाए। जिन घरों में दरवाजे नहीं लगे हैं। वहां दरवाजे लगवाने और शौचालय निर्माण कार्य को भी तेजी से पूरा करने के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे वन विभाग और प्रशासन का सहयोग करें। ताकि भेड़ियों की सही जानकारी जुटाकर ग्रामीण इलाकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस मौके पर कैसरगंज सांसद करण भूषण सिंह, बहराइच सांसद डॉ. आनंद गोंड, विधान परिषद सदस्य डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी, पद्मसेन चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू सिंह, महसी विधायक सुरेश्वर सिंह, पयागपुर विधायक सुभाष त्रिपाठी, बलहा विधायक सरोज सोनकर, नानपारा विधायक राम निवास जायसवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश पांडेय, पूर्व मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक राम नयन सिंह मौजूद रहे।
सरकार ने घोषणा की है कि भेड़ियों के हमले में जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। मृतकों में परागपुर की ज्योति (4 वर्ष), भौंरी के बहोरवा गांव की संध्या (4 माह), गंदूझाला का अंकेश (3 वर्ष) और मझारा तौकली की सोनी (2 वर्ष) शामिल हैं।