Bahraich Wolf Attack: अमावस्या की रात यानी 2 सितंबर को भेड़िए ने 5 साल की बच्ची पर अटैक किया। आइए जानते हैं कि अमावस की रात का भेड़ियों से क्या कनेक्शन है, जिसकी वजह से वे ज्यादा खूंखार हो जाते हैं।
Bahraich Wolf Attack: उत्तर प्रदेश के बहराइच और सीतापुर जिले में भेड़ियों का डर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मात्र 48 दिन में भेड़िए के शिकार से 7 बच्चे समेत 8 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सीतापुर में एक की जान जा चुकी है। लगातार हो रही घटना में एक बात सामने आई है कि भेड़िए सिर्फ रात में हमला करते हैं और दिन में गायब हो जाते हैं। भेड़िए के लगातार हमले के बीच प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी। इसके बावजूद अब भी दो भेड़िए पकड़ में नहीं आए हैं।
कल यानी 2 सितंबर को अमावस (अमावस्या) की रात थी। कहानियों और भ्रांतियों के मुताबिक, अमावस्या (अमावस) की रात भेड़िए ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। कल देर रात अफसाना नाम की 5 साल की बच्ची पर भेड़िए ने जानलेवा हमला किया। बच्ची मां के साथ सो रही थी। इसी बीच, भेड़िए ने बच्ची की गर्दन पकड़ने का प्रयास किया। बच्ची चिल्ला उठी, जिसे सुनकर परिजन ने भी शोर मचाया। शोर सुनकर ग्रामीण इकठ्ठा होने लगे, जिसे सुनकर भेड़िया भाग गया। फिलहाल, घायल बच्ची का इलाज अस्पताल में चल रहा है। आइए जानते हैं कि अमावस रात की सच्चाई क्या है…
कहा जाता है, अमावस्या की रात भेड़िए ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। यह आपने टीवी सीरियल और कई फिल्मों में भी देखा होगा। इसके पीछे की वजह यह है कि अमावस की रात महीने में सबसे अंधेरे की रात होती है। वहीं, पूर्णिमा की रात में आसमान में ज्यादा उजाला होता है, जिसकी वजह से भेड़ियों को शिकार करने में दिक्कत होती है। इसी वजह से भेड़िए आबादी वाले इलाकों में जाने कि लिए अमावस की रात चुनते हैं, क्योंकि इनके लिए शिकार करना अन्य रात की अपेक्षा आसान होता है।
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