
रात के 12 बज रहे थे, सब लोग अपने घर में सुकून से सो रहे थे, घर में सो रही 5 साल की बच्ची के गले पर हमला होता है, जब उसकी आंखें खुलती हैं तो सामने खून से सना भेड़िया उसे अपना शिकार बनाने के फिराक में रहता है। ये देखने के बाद डरी सहमी बच्ची चीखने लगती है। चीख सुनकर घरवाले और आसपास के लोग इकट्ठा हो जाते हैं और बच्ची की जान बचाते हैं। इस घटना के बाद से ही पूरे गांव में खौफ का माहौल है। अपने घरों के अंदर भी लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
घायल बच्ची ने रात की घटना को याद करते हुए बताया कि रात में सोते समय अचानक उसके गले पर हमला हुआ। जब उसने आंखें खोलीं, तो उसने एक खतरनाक भेड़िया देखा, जिसका मुंह खून से लाल था और वह बेहद डरावना दिख रहा था। बच्ची के चाचा ने बताया कि भेड़िया उनके घर के बाद सामने वाले घर में भी हमला करने की कोशिश कर रहा था, जिससे पूरे गांव में खौफ का माहौल है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार शाम बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर, गोंडा समेत अन्य जिलों के डीएम , पुलिस कप्तानों व वन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर तेंदुआ व भेड़िया के हमलों से उपजी स्थितियों की समीक्षा की थी। वन्यजीवों के हमले में मौत पर राज्य सरकार द्वारा चार लाख और वन विभाग द्वारा एक लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है। गंभीर रूप से घायल को दो लाख की आर्थिक सहायता दी जाती है। बता दें, वन विभाग की टीम गांव में तैनात है और भेड़िए की खोज में लगी हुई है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
Published on:
03 Sept 2024 10:50 am
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