यूपी के 7 जिले नेपाल की सीमा से सटे हैं। इनमें देवीपाटन मंडल के बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती नेपाल की सीमा से सीधे जुड़े हैं। बहराइच और श्रावस्ती के कुछ क्षेत्रों में एक समुदाय की आबादी तेजी से बढ़ी है। यह लगभग 2 गुना के आसपास पहुंच गई है।
नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती, बहराइच और बलरामपुर जिले सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। बीते दस वर्षों में श्रावस्ती और बहराइच के कुछ हिस्सों में एक समुदाय की आबादी लगभग दोगुनी हो गई है। इस तेज बदलाव को लेकर केंद्र सरकार ने चिंता जताई है।
उत्तर प्रदेश के सात जिले नेपाल की सीमा से सटे है। अवध क्षेत्र के तीन जिले बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती में एक समुदाय की आबादी तेजी से बढ़ी है। स्थित यहां तक पहुंच गई है कि इनकी आबादी दो गुनी हो गई। इसको लेकर सरकार की चिंता बढ़ी है। मानव तस्करी धर्मांतरण जैसे मामले बड़े पैमाने पर पकड़े गए है। सीमा क्षेत्र पर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई है। बलरामपुर में बुधवार को सशस्त्र सीमा बल के अधिकारी, प्रमुख इंटेलिजेंस एजेंसी तथा मंडलीय अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक भी हुई। इसके बाद नेपाल की राजनीतिक स्थिति और भारत-नेपाल सीमा पर चीन की गतिविधियों पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। मानव तस्करी के हाल के मामलों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों ने इन पर प्रभावी रोकथाम की रणनीति बनाई। साथ ही एनसीबी, डीआरआई, पुलिस, कस्टम और एसएसबी द्वारा पकड़े गए मामलों से प्राप्त सुरागों को साझा किया गया। एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट्स के आधार पर भविष्य की कार्ययोजना पर सहमति बनी।
सीमा से सटे 30 किलोमीटर के दायरे में बड़े पैमाने पर धार्मिक अतिक्रमण हुए हैं। जांच एजेंसियों ने यहां विदेशी फंडिंग और जाली नोटों की तस्करी के मामले पकड़े हैं। आईएसआई की भूमिका धर्मांतरण और अवैध लेन-देन में पहले ही सामने आ चुकी है।
धर्मांतरण के मामले में छांगुर नाम का आरोपी प्रमुख भूमिका निभाता रहा है। उसने नेपाल के बैंक खातों में विदेश से धन मंगाकर गरीब और दलित परिवारों को धर्म बदलवाया। उसके अड्डों पर विदेशी नागरिकों का जमावड़ा रहता था। इसके साथ ही ईसाई मिशनरियों की सक्रियता भी सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से बढ़ी है।
हाल ही में टेरर फंडिंग का मामला भी उजागर हुआ है। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि करीब 100 करोड़ रुपये पाकिस्तान भेजे गए। इससे पहले भी जाली नोट और मानव तस्करी के नेटवर्क इन जिलों में पकड़े जा चुके हैं।
साल 2024 में बलरामपुर के तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। जिसमें विदेशी फंडिंग और धन शोधन का जिक्र था। रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों और तीन थानेदारों की संलिप्तता का भी उल्लेख किया गया था। लेकिन इसके बाद उनका तबादला हो गया।
भारत की तरह नेपाल के सीमावर्ती जिलों में भी जनसंख्या का संतुलन बदल रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2021 की जनगणना के अनुसार नेपाल में हिंदुओं की संख्या घटकर 2.36 करोड़ रह गई है। वहीं मुस्लिम आबादी 10 साल में 4.39% से बढ़कर 5.09% हो गई है। नेपाल में मुस्लिम आबादी का बड़ा हिस्सा तराई क्षेत्र में रहता है। जो भारत से जुड़ा है।
स्थिति को गंभीर मानते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में बैठक बुलाई। इसमें देवीपाटन मंडल के कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील, आईजी अमित पाठक और श्रावस्ती के डीएम शामिल हुए। अधिकारियों ने बताया कि नेपाल के सहयोग से सीमावर्ती जिलों में सख्त कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।