उडऩदस्ता दल और वन परिक्षेत्र पश्चिम लांजी की संयुक्त कार्रवाई
तोते हमारे पारिस्थिति तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं, उनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत तोतों को पकडऩा, पालना या उनके अंगों का व्यापार करना अपराध है। इस अधिनियम के तहत तोतों को संरक्षित किया जाता है और उनके अवैध शिकार और व्यापार पर रोक लगाई जाती है। लेकिन लांजी क्षेत्र में वन विभाग के उडऩदस्ता दल और वन परिक्षेत्र पश्चिम लांजी की संयुक्त कार्रवाई में 15 अक्टूबर की रात्रि में ग्राम कुम्हारी कला में 22 नग करण तोता गुलाबी गले वाले तोतों के साथ 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई मुखबिर की सूचना के आधार पर की गई। वन्यजीवों का अवैध व्यापार करने वाले छत्तीसगढ़ के आरोपियों को पकड़ा गया। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया की यह उनका पुश्तैनी कार्य है, जिसे वे वर्षों से करते आ रहे हैं। आरोपियों के पास तोता पकडऩे का जाल एवं अन्य सामग्री बरामद की गई है। कार्रवाई में वन वृत्त बालाघाट के सीसीएफ उडऩदस्ता दल और वन परिक्षेत्र पश्चिम लांजी के कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दल में परिक्षेत्र सहायक आरके सोनवाने, पवन पटले, संजय विश्वकर्मा, वनरक्षक विशाल आसटकर, अमरदीप गजभिए, विभूति नाथ, अमरनाथ नंदा और अन्य स्टाफ शामिल थे।
वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग अवैध रूप से तोतों का व्यापार कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया और 22 तोतों को बचाया। गिरफ्तार आरोपियों में शेरसिंह पिता अमृतलाल पारदी (25), सुमेरसिंह पिता श्रृमतलाल पारदी (30) दोनों ग्राम भंडारपुर, संतोष पिता कन्हैयालाल पारदी (24) ग्राम बोडसी और दो अन्य अपचारी शामिल हैं। प्रकरण क्रमांक 16158/12 के तहत वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2022 की धारा 2 (1) 5, 9, 39, 50, 51ए और 52 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
उडऩदस्ता बालाघाट एवं वन परिक्षेत्र पश्चिम लांजी सामान्य की टीम द्वारा 15 अक्टूबर को ग्राम कुम्हारीकला में छापामार कार्रवाई में तोता पकडऩे वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा।
सपन ताम्रकार, वन परिक्षेत्र पश्चिम लांजी सा